कृषि मंत्रालय ने शुरू किया फसल बीमा जागरूकता अभियान (Crop Insurance Awareness Campaign)

कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने फसल बीमा योजना (Fasal Bima Yojana) के लिए फसल बीमा जागरूकता अभियान शुरू किया है। इसे फसल बीमा सप्ताह (Crop Insurance Week) के दौरान लॉन्च किया गया था।

मुख्य बिंदु

  • प्रत्येक किसान को सुरक्षा कवर प्रदान करने के उद्देश्य से फसल बीमा योजना (Fasal Bima Yojana) शुरू की गई थी।
  • नरेंद्र सिंह तोमर ने यह भी घोषणा की कि, इस योजना के तहत अब तक किसानों के 95 हजार करोड़ के दावों का भुगतान किया जा चुका है।
  • नरेंद्र सिंह तोमर के अनुसार, राज्य सरकारों और बीमा कंपनियों ने इस योजना को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • पिछले चार वर्षों में किसानों द्वारा 17 हजार करोड़ रुपये का प्रीमियम जमा किया गया, जिसके खिलाफ लगभग 95 हजार करोड़ रुपये दावों के रूप में प्रदान किए गए हैं।
  • इस अवसर पर उन्होंने IEC वैन को भी झंडी दिखाकर रवाना किया।ये वैन पूरे फसल बीमा सप्ताह में किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जोड़ेगी।

अभियान का उद्देश्य

इस अभियान का उद्देश्य सोशल मीडिया पर वीडियो और फोटो कहानियों के माध्यम से लाभार्थी किसानों की कहानियों को लाना है। उन किसानों की कहानियां साझा की जाएंगी जिन्होंने न केवल इस योजना से लाभान्वित किया है बल्कि पूरे कृषक समुदाय को अपने विचार-नेतृत्व के माध्यम से मदद की है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana – PMFBY)

PMFBY को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 18 फरवरी, 2016 को लॉन्च किया गया था। यह किसानों के लिए उनकी उपज के लिए एक बीमा सेवा है। यह योजना वन नेशन-वन स्कीम थीम के अनुरूप तैयार की गई थी। इसने राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (NAIS) और संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (MNAIS) नामक दो योजनाओं को प्रतिस्थापित (replace) किया था। PMFBY का उद्देश्य किसानों पर प्रीमियम का बोझ कम करना और पूर्ण बीमा राशि के लिए फसल आश्वासन दावे का शीघ्र निपटान सुनिश्चित करना है। इस योजना का उद्देश्य फसल की विफलता के खिलाफ बीमा कवर प्रदान करना है। इस प्रकार यह योजना किसानों की आय को स्थिर करने में मदद करती है।

कौन सी फसलें कवर की गयी हैं?

इस योजना में वार्षिक वाणिज्यिक या बागवानी फसलों के साथ-साथ सभी खाद्य और तिलहन फसलों को शामिल किया गया है, जिनके लिए पिछले उपज डेटा उपलब्ध है।

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