केंद्र सरकार ने अल्पकालिक कृषि ऋण पर ब्याज सबवेंशन को मंज़ूरी दी
17 जुलाई, 2022 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए अल्पकालिक कृषि ऋणों पर ब्याज सबवेंशन को बहाल करने की मंजूरी दी। यह अनुमोदन उन सभी वित्तीय संस्थानों पर लागू होगा जो कृषि क्षेत्र के लिए ऋण की स्थिर उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे।
मुख्य बिंदु
- 3 लाख रुपये तक के अल्पकालिक कृषि ऋण पर 1.5% की ब्याज सबवेंशन को मंजूरी दी गई है। यह राशि वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2024-25 के लिए ऋण देने वाली संस्थाओं को दी जाएगी।
- कृषि क्षेत्र के लिए 1.5% ब्याज सबवेंशन का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पर्याप्त कृषि ऋण सुनिश्चित करना है।
- यह क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों में वित्तीय स्वास्थ्य और ऋण देने वाली संस्थाओं की व्यवहार्यता भी सुनिश्चित करेगा।
- इस उपाय के लिए योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023 से वित्त वर्ष 2025 में 34,856 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजटीय प्रावधान की आवश्यकता होगी।
सरकार ने बदलते आर्थिक परिदृश्य जैसे वित्तीय संस्थानों के लिए बढ़ती ब्याज दर और उधार दरों के कारण ब्याज सबवेंशन की दर की समीक्षा की। ब्याज सबवेंशन की बहाली से किसान के लिए कृषि क्षेत्र में पर्याप्त ऋण प्रवाह सुनिश्चित होगा। यह कदम बैंकों को फंड की लागत में वृद्धि को अवशोषित करने की अनुमति देगा। किसानों को अल्पकालिक कृषि जरूरतों के लिए ऋण देने के लिए बैंकों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
ब्याज सबवेंशन योजना (Interest Subvention Scheme)
ब्याज सबवेंशन योजना सरकार द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई थी कि किसान बैंक को न्यूनतम ब्याज दर का भुगतान करें। इस योजना का नाम बदलकर संशोधित ब्याज सबवेंशन योजना (Modified Interest Subvention Scheme – MISS) किया गया है, जिसके तहत किसानों को कृषि और अन्य संबद्ध गतिविधियों से रियायती ब्याज दरों पर 3 लाख रुपये तक का अल्पकालिक ऋण प्रदान किया जाता है।
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