केंद्र सरकार ने गवर्नमेंट-ई-मार्केटप्लेस (GeM) प्लेटफॉर्म में सहकारी समितियों को मंज़ूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सहकारी समितियों को इस पोर्टल पर खरीदार के रूप में पंजीकरण करने की अनुमति देने के लिए सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) के दायरे का विस्तार किया है।
मुख्य बिंदु
इस निर्णय से देश की सहकारी समितियों को पारदर्शी और खुली प्रक्रिया के माध्यम से प्रतिस्पर्धी मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इस निर्णय से 8,54,000 से अधिक पंजीकृत सहकारी समितियां और उनके 270 मिलियन सदस्य लाभान्वित होंगे। सहकारी समितियों के 270 मिलियन से अधिक सदस्य हैं, इस प्रकार, GeM पोर्टल के माध्यम से खरीद से आम आदमी को आर्थिक रूप से लाभ होगा, और सहकारी समितियों की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।
इस प्लेटफॉर्म पर सहकारिता कैसे जुड़ेगी?
पायलट के लिए इस पोर्टल पर सहकारिताओं की एक मान्य सूची डाली जाएगी और बाद में इसे बढ़ाया जाएगा। इस ऑनबोर्डिंग का निर्णय सहकारिता मंत्रालय द्वारा GeM के परामर्श से किया जाएगा। सहकारी समितियों के लिए GeM द्वारा एक समर्पित ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया की पेशकश की जाएगी। अतिरिक्त उपयोगकर्ताओं का समर्थन करने के लिए तकनीकी आधारभूत संरचना भी प्रदान की जाएगी। सहकारिता मंत्रालय देश की सहकारी समितियों को सेवाओं और वस्तुओं की खरीद के लिए इस मंच का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एडवाइजरी जारी करेगा। साथ ही, समय पर भुगतान सुनिश्चित करने और विक्रेताओं के हितों की रक्षा के लिए, भुगतान प्रणाली के तौर-तरीके GeM द्वारा सहयोग मंत्रालय के सहयोग से तय किए जाएंगे।
GeM पोर्टल क्या है?
यह पोर्टल अगस्त 2016 में सरकार द्वारा शुरू किया गया था, जो कि आम तौर पर उपयोग की जाने वाली सेवाओं और सामानों की कुशल और पारदर्शी ई-खरीद की सुविधा के उद्देश्य से एक एंड-टू-एंड ई-मार्केटप्लेस के रूप में शुरू किया गया था। GeM एक गवर्नमेंट-टू-बिजनेस प्लेटफॉर्म है।
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