केंद्र सरकार ने दिल्ली के वायु प्रदूषण को कम करने के लिए उपाय प्रस्तावित किये
केंद्र सरकार ने दिल्ली के वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक हलफनामे में कई उपायों का प्रस्ताव दिया है।
मुख्य बिंदु
- केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहने की अनिच्छा व्यक्त की।
- इसने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में अपने कर्मचारियों को कारपूलिंग करने की सलाह दी है ताकि उनके द्वारा उपयोग किए जाने वाले वाहनों की संख्या को कम किया जा सके।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के निर्देश
- केंद्र ने दिल्ली-एनसीआर के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा जारी निर्देशों का भी उल्लेख किया। निर्देश में शामिल हैं-
- दिल्ली में 21 नवंबर तक ट्रकों के प्रवेश पर रोक। आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई करने वाले ट्रकों को छूट दी जाएगी।
- थर्मल प्लांट को बंद किया जाये।
- निर्माण गतिविधियों पर रोक।
- एंटी स्मॉग गन और वाटर स्प्रिंकलर की तैनाती।
पृष्ठभूमि
इससे पहले 15 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को 16 नवंबर को दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के साथ “आपातकालीन बैठक” बुलाने का निर्देश दिया था। इसने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए एक कार्य योजना तैयार करने को भी कहा था।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार, दिल्ली में वायु गुणवत्ता 17 नवंबर को लगातार चौथे दिन ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है। हालांकि, समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 396 से घटकर 379 हो गया।
वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (System of Air Quality and Weather Forecasting And Research – SAFAR)
मेट्रोपॉलिटन शहर की वायु गुणवत्ता को मापने के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा SAFAR की शुरुआत की गई थी। यह शहर में समग्र प्रदूषण स्तर और स्थान-विशिष्ट वायु गुणवत्ता को मापता है। SAFAR को स्वदेशी रूप से भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM), पुणे द्वारा विकसित किया गया था। यह भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा संचालित है।
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