केंद्र सरकार ने स्क्रैप सर्टिफिकेट जमा करने पर नए वाहनों की खरीद पर 25% कर रियायत का प्रस्ताव पेश किया

केंद्र सरकार ने स्क्रैप सर्टिफिकेट (scrappage certificate) जमा करने पर नए वाहनों की खरीद पर 25 प्रतिशत कर रियायत का प्रस्ताव दिया है। सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने स्क्रैप किये गये वाहनों के लिए मोटर वाहन कर में रियायत के बारे में मसौदा नियम प्रकाशित किए हैं।

मुख्य बिंदु

इन मसौदा नियमों के तहत, लोगों को वाहन स्क्रैच सर्टिफिकेट के साथ व्यक्तिगत वाहनों की खरीद पर 25 प्रतिशत रियायत मिलेगी, जबकि वाणिज्यिक वाहनों की खरीद पर कर राहत 15 प्रतिशत होगी।

व्यक्तिगत वाहनों के मामले में, कर रियायतें आठ साल तक उपलब्ध रहेंगी जबकि वाणिज्यिक वाहनों के लिए, यह 15 वर्ष तक होगी। सरकार ने 30 दिनों की अवधि में मसौदा नियमों पर विभिन्न हितधारकों से सुझाव आमंत्रित किए हैं। इस वर्ष 1 अक्टूबर से यह नियम लागू होगा

नई वाहन स्क्रैपिंग नीति (Vehicle Scrapping Policy)

यह स्क्रैपिंग नीति वाहनों के उत्सर्जन को कम करके ऑटोमोबाइल क्षेत्र में परिवर्तन लाएगी। इस नीति को अयोग्य, पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को उपयोग से बाहर करने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के उद्देश्य से पेश किया गया था। इस नीति के तहत, निजी वाहनों को 20 साल बाद स्वचालित केंद्रों पर फिटनेस परीक्षण से गुजरना होगा। दूसरी ओर, वाणिज्यिक वाहनों को 15 साल बाद फिटनेस परीक्षण से गुजरना होगा। यदि वाहन तीन बार फिटनेस टेस्ट पास करने में विफल रहे, तो मालिक इसे सड़क पर नहीं चला पाएंगे।

नीति का महत्व

यह नीति पर्यावरण के अनुकूल, ईंधन कुशल वाहनों को प्रोत्साहित करने में मदद करेगी। इस प्रकार, यह वाहनों के प्रदूषण और तेल आयात बिल को कम करेगा। यह सड़क सुरक्षा में भी सुधार करेगा। इसके तहत पुनर्नवीनीकरण सामग्री जैसे स्टील, प्लास्टिक और तांबे का पुन: उपयोग किया जा सकता है। इस प्रकार, समग्र वाहन लागत कम हो जाएगी। एक बार जब पुराने वाहनों को हटा दिया जाता है, तो नए वाहनों की बिक्री को बढ़ावा मिलेगा जो देश के ऑटोमोबाइल उद्योग को बढ़ावा देगा। यह वाहनों की ईंधन दक्षता को भी बढ़ाएगा और निवेश को आकर्षित करेगा।

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