केंद्र सरकार 1.10 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त उर्वरक सब्सिडी प्रदान करेगी

केंद्रीय वित्त मंत्री ने हाल ही में घोषणा की थी कि सरकार किसानों को उर्वरक की कीमतों में वृद्धि से बचाने के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त उर्वरक सब्सिडी प्रदान करेगी।

मुख्य बिंदु 

हालिया घोषणा के साथ, सरकार की कुल उर्वरक सब्सिडी चालू वित्त वर्ष (2022-23) में 2.15 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी। 2022-23 के बजट में 1.05 लाख करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी की घोषणा की गई थी। 2021-22 में उर्वरक सब्सिडी 1,62,132 करोड़ रुपये थी।

वैश्विक उर्वरक कीमतों में उछाल क्यों आया है?

रूस-यूक्रेन युद्ध ने आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान पैदा किया और वैश्विक उर्वरक की कीमतों में वृद्धि हुई है। भारत यूरिया, पोटेशियम और फॉस्फेटिक उर्वरकों के आयात पर निर्भर है।

किस उर्वरक पर सब्सिडी प्रदान की जाती है?

सरकार यह सुनिश्चित करती है कि यूरिया और 24 ग्रेड P&K उर्वरक किसानों को रियायती कीमतों पर उपलब्ध हों। यूरिया के लिए केंद्र MRP तय करता है। MRP और उत्पादन लागत के बीच के अंतर की प्रतिपूर्ति सब्सिडी के रूप में की जाती है। जबकि, विभिन्न P&K उर्वरकों पर सब्सिडी पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (nutrient-based subsidy – NBS) नीति के अंतर्गत आती है।

NBS नीति के तहत, सरकार सालाना नाइट्रोजन (एन), फॉस्फेट (पी), पोटाश (के), और सल्फर (एस) पर सब्सिडी की एक निश्चित दर की घोषणा करती है। अप्रैल 2022 में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने किसानों को उचित मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए खरीफ सीजन के लिए फॉस्फेटिक और पोटाश (P&K) उर्वरकों पर 60,939 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दी।

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