केरल की ‘कृषिकर्ण’ परियोजना (Krishikarna Project) क्या है?

केरल में शुरू की गई “कृषिकर्ण” परियोजना के तहत मिनी पॉलीहाउस बनाया जाएगा जो कि एक प्रकार का ग्रीनहाउस है। यह नेशनल सोसाइटी फॉर एग्रीकल्चरल हॉर्टिकल्चर (National Society for Agricultural Horticulture – SAHS), Sustainability Foundation और Qore3 Innovations की एक संयुक्त पहल है।

मुख्य बिंदु 

  • SAHS एक सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त सहकारी संगठन है, जो कृषि और बागवानी प्रथाओं को बढ़ावा देने में शामिल है। सस्टेनेबिलिटी फाउंडेशन, तिरुवनंतपुरम में बेस्ड एक गैर-सरकारी संगठन, सतत विकास (sustainable development) को बढ़ावा देता है।
  • Qore3 Innovations एक स्टार्ट-अप कंपनी है जो खेतों के लिए “एंड-टू-एंड सपोर्ट” प्रदान करने का दावा करती है।
  • कृषिकर्ण के तहत ढाई फीसदी जमीन पर छोटा पॉलीहाउस बनाया जाएगा।
  • प्रत्येक प्लास्टिक घर की कुल अनुमानित लागत 2,35,000 रुपये है।
  • अनीश एन. राज ने केरल का सर्वश्रेष्ठ हाई-टेक किसान पुरस्कार जीता और वह Qore3 के कृषि विज्ञानी भी हैं जो कृषिकर्ण के नवाचारों को लागू कर रहे हैं।
  • केरल की कृषि पर अभूतपूर्व जलवायु परिवर्तन का नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इसलिए, उच्च तकनीक वाली कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना आवश्यक है ताकि किसान पूरे वर्ष खेती कर सकें।
  • Qore3 ने केरल में 30 से अधिक परियोजनाओं को सफल हाई-टेक फार्म स्थापित किया है।

योजना

इन मिनी पॉलीहाउस में लंबी फलियां, टमाटर, सलाद खीरा, शिमला मिर्च और हरी पत्तेदार सब्जियां लगाने की योजना है। कृषिकर्ण में ग्रीनहाउस, मछली और सब्जियां और मशरूम की खेती भी शामिल है। जिन किसानों ने इस परियोजना के लिए साइन अप किया है, उनकी जमीन पर काम शुरू हो चुका है और कुछ ही हफ्तों में बीज बोए जा सकते हैं।

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