केरल में पहुंचा दक्षिण-पश्चिम मानसून
केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून 3 जून को पहुँच गया है। आमतौर पर, केरल में मानसून की शुरुआत की सामान्य तिथि 1 जून है, इस बार मानसून केरल में दो दिन की देरी से आया है। मानसून की शुरुआत की नई सामान्य तिथियों के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून अंडमान सागर के ऊपर 22 मई के आसपास आगे बढ़ता है।
भारत में मॉनसून की भविष्यवाणी कैसे की जाती है?
- IMD भारत में मानसून की भविष्यवाणी करने के लिए तीन तरीकों का उपयोग करता है। वे सांख्यिकीय विधि (statistical method), गतिशील विधि (dynamical method) और गतिशील सह सांख्यिकीय विधि (dynamical cum statistical method) हैं।
सांख्यिकीय पद्धति के तहत, मानसून को प्रभावित करने वाले कारकों की पहचान की जाती है। वे अतीत में मानसून की ऐतिहासिक घटना से संबंधित होते हैं। - गतिशील विधि के तहत, वायुमंडलीय और महासागरीय परिस्थितियों को सिमुलेट किया जाता है।
- गतिशील सह सांख्यिकीय विधि प्रकृति में अनुभवजन्य (empirical) है। अनुभवजन्य विधियों का उपयोग अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील जैसे देशों में किया जाता है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department)
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग केद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन काम करता है। इसके क्षेत्रीय कार्यालय कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई, मुंबई, नागपुर और गुवाहाटी में है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग मलक्का जलडमरूमध्य, अरब सागर, बंगाल की खाड़ी, फारस की खाड़ी सहित उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र की मॉनिटरिंग करता है। यह मुख्य रूप से चक्रवात के निर्माण की निगरानी करता है और इन क्षेत्रों के लिए चेतावनी जारी करता है।
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