कैबिनेट ने क्वार हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट (Kwar Hydro Electric Project) को मंज़ूरी दी

27 अप्रैल, 2022 को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने जम्मू और कश्मीर के किश्वर जिले के चिनाब नदी पर स्थित 540 मेगावाट की क्वार जलविद्युत परियोजना के लिए 4,526.12 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी।

मुख्य बिंदु 

  • यह आगामी जलविद्युत परियोजना सिंधु बेसिन का एक हिस्सा है।
  • यह परियोजना जिले में आने वाली चार परियोजनाओं में से एक का हिस्सा है।
  • इस परियोजनाओं में 624 मेगावाट की रन-ऑफ-द-रिवर किरू जलविद्युत परियोजना और 1,000 मेगावाट की पाकल दुल जलविद्युत परियोजना शामिल है।

सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty)

1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि (IWT) के तहत, दोनों देश भारत से पाकिस्तान की ओर बहने वाली सिंधु बेसिन में 6 नदियों के पानी को साझा करते हैं। इनमें से तीन पूर्वी नदियों ब्यास, सतलुज और रावी पर भारत का पूरा अधिकार है, जबकि झेलम, चिनाब और सिंधु पर पाकिस्तान का अधिकार है जो पश्चिमी नदियां हैं। हालाँकि, भारत उन पश्चिमी नदियों पर रन-ऑफ-द-रिवर प्रोजेक्ट बना सकता है, जिनके अधिकार पाकिस्तान के पास हैं। पिछले पांच वर्षों से, भारत सरकार सिंधु बेसिन के भारत के पक्ष की क्षमता का पूरी तरह से दोहन करने के लिए निर्माण करने का प्रयास कर रही  है।

क्वार हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट (Kwar Hydro Electric Project)

यह परियोजना चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (CVPPL) द्वारा कार्यान्वित की जाएगी। यह जम्मू और कश्मीर राज्य विद्युत विकास निगम (JKSPDC) और  NHPC Ltd. के बीच एक संयुक्त उद्यम है जिसमें दोनों का क्रमशः 49% और 51% का इक्विटी योगदान है। एक बार पूरा होने के बाद, यह परियोजना 1,975.54 मिलियन यूनिट का उत्पादन करेगी। केंद्र सरकार द्वारा सक्षम बुनियादी ढांचे की लागत के लिए 69.80 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। केंद्र CVPPPL को JKSPDC के इक्विटी योगदान के लिए 655.08 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान करके जम्मू और कश्मीर का भी समर्थन करेगा। NHPC अपने आंतरिक संसाधनों से 681.82 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। यह परियोजना 54 महीने की समयावधि के भीतर चालू हो जाएगी।

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