कैबिनेट ने खाद्य तेलों पर राष्ट्रीय मिशन (National Mission on Edible Oils) को मंजूरी दी
कैबिनेट ने 11,040 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ ‘National Mission on Edible Oils — Oil Palm (NMEO-OP)’ को मंजूरी दी।
मुख्य बिंदु
- यह मंजूरी अगले पांच वर्षों में पाम ऑयल की घरेलू खेती को बढ़ावा देने के लिए दी गई है।
- इससे भारत की आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त को इस नई केंद्रीय योजना की घोषणा के बाद यह निर्णय लिया गया था।
खाद्य तेलों पर राष्ट्रीय मिशन (National Mission on Edible Oils)
खाद्य तेलों पर राष्ट्रीय मिशन (National Mission on Edible Oils) एक केंद्र प्रायोजित योजना है। 11,040 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय में से केंद्र सरकार का हिस्सा 8,844 करोड़ रुपये है। 2,196 करोड़ रुपये राज्यों द्वारा साझा किए जाएंगे। यह योजना “राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन-तेल पाम कार्यक्रम” (National Food Security Mission-Oil Palm Programme) में शामिल हो जाएगी। इसे आत्मनिर्भर भारत योजना के अनुरूप लॉन्च किया गया था।
मिशन का उद्देश्य
खाद्य तेल पर राष्ट्रीय मिशन 2025-26 तक 6.5 लाख हेक्टेयर के अतिरिक्त क्षेत्र में ताड़ के तेल को कवर करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। यह 10 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य तक पहुंचने का प्रयास करता है।
यह योजना महत्वपूर्ण क्यों है?
वर्तमान में भारत घरेलू जरूरत को पूरा करने के लिए खाद्य तेलों के आयात पर बहुत अधिक निर्भर है। इस प्रकार, उनके घरेलू उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में प्रयास करना आवश्यक है। उत्पादन बढ़ाने के लिए ताड़ के तेल (palm oil) का क्षेत्रफल और उत्पादकता बढ़ाना महत्वपूर्ण हो जाता है। बढ़ते क्षेत्र के इस लक्ष्य को मिशन के जरिए हासिल किया जा सकता है। इसके अलावा, पाम ऑइल किसानों को आत्मनिर्भर भारत पहल के अनुसार आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर सकता है। यह योजना केंद्र को यह सुनिश्चित करने में भी मदद करेगी कि किसान बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित न हों।
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