कैबिनेट ने मॉडल टेनेंसी एक्ट (Model Tenancy Act) को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नए कानून बनाकर या मौजूदा रेंटल कानूनों में आवश्यकतानुसार संशोधन करके अनुकूलन के लिए “मॉडल टेनेंसी एक्ट” को मंजूरी दे दी है।
मुख्य बिंदु
- यह अधिनियम भारत में किराये के आवास पर कानूनी ढांचे के पुनर्निर्माण में मदद करेगा जो बदले में समग्र विकास को बढ़ावा देगा।
- एक जीवंत, सतत और समावेशी किराये के आवास बाजार बनाने के उद्देश्य से यह अधिनियम पारित किया गया था।
- यह सभी आय समूहों के लिए पर्याप्त किराये के आवास स्टॉक बनाने में मदद करेगा और बेघरों के मुद्दे को संबोधित करेगा।
- यह किराये के आवास को औपचारिक बाजार की ओर स्थानांतरित करके संस्थागतकरण को सक्षम करेगा।
- यह किराये के आवास के प्रयोजनों के लिए खाली मकानों को खोलने की सुविधा प्रदान करता है और एक व्यवसाय मॉडल के रूप में किराये के आवास में निजी भागीदारी को बढ़ावा देता है। इससे आवास की भारी कमी को दूर करने में मदद मिलेगी।
मॉडल टेनेंसी एक्ट क्या है?
मॉडल किरायेदारी अधिनियम, 2019 भारत में एक किरायेदारी कानून है, इसे किरायेदारी बाजार के पुनर्निर्माण के लिए डिज़ाइन किया गया था। इस अधिनियम के निर्माण की घोषणा पहली बार 2019 के बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की थी। यह भारत के पुराने किराये से सम्बन्धी कानूनों को बदलने और आवास की कम उपलब्धता को हल करने का प्रयास करता है। इस अधिनियम “2022 तक सभी के लिए आवास” के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।
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