कॉटन काउंसिल ऑफ इंडिया (Cotton Council of India) की स्थापना की गई
कॉटन काउंसिल ऑफ इंडिया की स्थापना हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा की गई है।
मुख्य बिंदु
केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय के अनुसार, इस परिषद का उद्देश्य कपास और यार्न मूल्य निर्धारण से संबंधित मुद्दों को हल करना और क्षेत्र में पर्याप्त सुधार लाना है। सुरेश भाई कोटक को भारतीय कपास परिषद (Cotton Council of India) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। भारतीय कपास परिषद की पहली बैठक 28 मई को आयोजित की जाएगी।
कॉटन काउंसिल ऑफ इंडिया के गठन का निर्णय कॉटन सेक्टर के हितधारकों के साथ बैठक में लिया गया। केंद्रीय कपड़ा मंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में यह बताया गया कि कपास की घटती उत्पादकता भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है। केंद्रीय मंत्री ने कपास की उत्पादकता में सुधार के लिए बेहतर गुणवत्ता वाले बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की आवश्यकता के बारे में बताया।
भारत से कितना कपास निर्यात किया जाता है?
2021-22 में, कच्चे कपास सहित सूती वस्त्र का निर्यात 15.29 बिलियन डॉलर था। पिछले डेढ़ साल के दौरान कपास की कीमतों में 100% से अधिक की वृद्धि हुई है। कपास की कीमतों में वृद्धि का एक प्रमुख कारण अनियंत्रित निर्यात है। कपास और सूती धागे का 60% से अधिक बांग्लादेश और वियतनाम जैसे देशों को निर्यात किया जाता है, जो कपड़ा क्षेत्र में भारत के लिए प्रतिस्पर्धी हैं।
केंद्रीय कपड़ा मंत्री ने हाल ही में कताई और व्यापारिक समुदाय को आगाह किया था कि घरेलू उद्योग की कीमत पर कपास का निर्यात नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि पहले घरेलू उद्योग को सूत और कपास की आपूर्ति की जानी चाहिए और केवल अधिशेष का निर्यात किया जाना चाहिए।
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