कॉपीराइट (संशोधन) नियम, 2021
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने हाल ही में कॉपीराइट (संशोधन) नियमों, 2021 को अधिसूचित किया है। देश में मौजूदा कॉपीराइट नियमों को अन्य प्रासंगिक विधानों के साथ समानता लाने के लिए यह संशोधन किया गया है।
वर्तमान परिदृश्य
वर्तमान में, भारत का कॉपीराइट शासन कॉपीराइट अधिनियम, 1957 और कॉपीराइट नियमों 2013 द्वारा शासित है।
संशोधन क्यों किए गए?
कॉपीराइट नियमों के संशोधन का मुख्य उद्देश्य डिजिटल युग में तकनीकी प्रगति के प्रकाश में सुचारू और निर्दोष अनुपालन सुनिश्चित करना है। नए नियम भारत को संचार के प्राथमिक साधन के रूप में इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों को अपनाने में मदद करेंगे।
नए संशोधन
- कॉपीराइट समितियों को प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए वार्षिक पारदर्शिता रिपोर्ट (Annual Transparency Report) बनानी होगी।
- इन संशोधनों ने वित्त अधिनियम, 2017 के प्रावधानों के साथ कॉपीराइट नियमों का सामंजस्य स्थापित किया है। यह अपील बोर्ड के साथ कॉपीराइट बोर्ड का विलय करके हासिल किया गया है।
- पंजीकरण कार्यों की अनुपालन आवश्यकताओं को काफी हद तक कम किया गया है।आवेदक के पास सोर्स स्रोत कोड के पहले दस और अंतिम दस पन्नों को बिना किसी अवरुद्ध भागों के साथ फाइल करने की स्वतंत्रता है।
- एक आवेदन का जवाब देने के लिए केंद्र सरकार की समय सीमा बढ़ा दी गई है।जब कोई आवेदक कॉपीराइट सोसायटी के रूप में पंजीकृत होने के लिए आवेदन करता है, तो केंद्र सरकार अब 180 दिनों में जवाब देगी। यह पर्याप्त समय प्रदान करने के लिए किया गया है ताकि आवेदन की व्यापक जांच की जा सके।
कॉपीराइट क्या है?
- कॉपीराइट एक प्रकार की बौद्धिक संपदा है।
- यह मालिक को उसके रचनात्मक कार्य की प्रतियां बनाने का विशेष अधिकार देता है।यह शिक्षा, कलात्मक, साहित्यिक या संगीत हो सकता है।
- विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (World Intellectual Property Organisation) के अनुसार, कॉपीराइट दो प्रकार के अधिकारों की रक्षा करता है।वे आर्थिक अधिकार और नैतिक अधिकार हैं। आर्थिक अधिकार मालिकों को उनके कार्यों के उपयोग से वित्तीय लाभ प्राप्त करने की अनुमति देते हैं।
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