कॉर्पोरेट ऋण बाजार विकास निधि (Corporate Debt Market Development Fund) क्या है?
सेबी, भारत में प्रतिभूति बाजार के लिए नियामक निकाय, ने हाल ही में कॉर्पोरेट ऋण बाजार विकास कोष (Corporate Debt Market Development Fund – CDMDF) के निर्माण की घोषणा की है। यह एक वैकल्पिक निवेश कोष (Alternative Investment Fund – AIF) के रूप में आता है। यह तनाव के समय या बाजार अव्यवस्था के मामले में निवेश ग्रेड कॉर्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों की खरीद के लिए बैकस्टॉप सुविधा होगी। इस फंड का उद्देश्य कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार में विश्वास पैदा करना और द्वितीयक बाजार में तरलता को बढ़ावा देना है।
प्रारंभिक कॉर्पस और योगदानकर्ता
CDMDF का प्रारंभिक कोष 3,000 करोड़ रुपये है, जिसमें म्यूचुअल फंड का योगदान होगा। प्रस्तावित कोष निर्दिष्ट ऋण-उन्मुख म्यूचुअल फंड योजनाओं और परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों के योगदान के माध्यम से बनाया जाएगा। सरकार ने इस कोष के 10 गुना उपयोग की भी अनुमति दी है। यह उपलब्ध फंड को 33,000 करोड़ रुपये तक ले जाता है।
CDMDF के लिए गारंटी
अतिरिक्त कोष की गारंटी केंद्रीय ऋण गारंटी निगम द्वारा दी जाती है, और CDMDF स्वयं राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट कंपनी (NCGTC) द्वारा प्रदान की जाने वाली गारंटी पर आधारित होगा। यह गारंटी CDMDF को तनाव या बाजार अव्यवस्था के समय निवेश ग्रेड कॉर्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों की खरीद के लिए धन जुटाने की अनुमति देगी।
फंड्स तक पहुंच
म्यूचुअल फंड स्तर पर फंड में किए गए योगदान के अनुपात में फंड तक पहुंच निर्दिष्ट म्यूचुअल फंड योजनाओं तक सीमित होगी। सेबी बोर्ड ने बाजार अव्यवस्था के दौरान CDMDF की संपत्ति खरीद को ट्रिगर करने के लिए ढांचे को मंजूरी दे दी है।
CDMDF का महत्व
CDMDF से कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है क्योंकि यह तनाव या बाजार अव्यवस्था के समय निवेश ग्रेड कॉर्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों की खरीद करेगा। यह न केवल बाजार सहभागियों के लिए एक बैकस्टॉप सुविधा प्रदान करेगा बल्कि द्वितीयक बाजार में तरलता भी बढ़ाएगा।
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