कोच्चि-लक्षद्वीप द्वीप समूह जलमग्न ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन : मुख्य बिंदु
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में लक्षद्वीप द्वीप समूह के लिए 1,150 करोड़ रुपये से अधिक की विकास पहल के साथ एक जलमग्न फाइबर ऑप्टिक कनेक्टिविटी परियोजना का उद्घाटन किया।
लक्षद्वीप को हाई-स्पीड इंटरनेट से जोड़ना
कोच्चि-लक्षद्वीप सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर कनेक्शन (KLI-SOFC) परियोजना लक्षद्वीप द्वीपों को मुख्य भूमि भारत से जोड़ने वाला पहला समुद्री केबल लिंक है।
1,868 किलोमीटर का केबल नेटवर्क 1,072 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था। यह द्वीप के निवासियों को 100 गुना तेज़ इंटरनेट प्रदान करेगा, जिससे वर्षों की बैंडविड्थ बाधा समाप्त हो जाएगी।
परिवर्तनकारी प्रभाव
विश्वसनीय, उच्च क्षमता वाली ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी द्वीप की अर्थव्यवस्था और उसके लोगों के लिए नए अवसरों को खोलती है। यह निम्नलिखित के लिए मार्ग प्रशस्त करता है:
- ई-गवर्नेंस दक्षता: बेहतर सार्वजनिक सेवाएं
- स्वास्थ्य सेवा पहुंच: टेलीमेडिसिन और आपातकालीन देखभाल
- शिक्षा: ऑनलाइन शिक्षण मंच
- वाणिज्य: डिजिटल भुगतान, बैंकिंग और ट्रेडिंग
- पर्यटन विकास: निवेश और आजीविका को बढ़ावा देना
कार्यान्वयन पद्धति
यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड द्वारा वित्त पोषित, सार्वजनिक क्षेत्र के बीएसएनएल ने प्रौद्योगिकी बहुराष्ट्रीय एनईसी कॉर्पोरेशन को खुली बोली के माध्यम से इस परियोजना को क्रियान्वित किया।
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