खासी भाषा

खासी भाषा एक लोकप्रिय भारतीय आदिवासी भाषा है। यह ऑस्ट्रो-एशियाई आदिवासी भाषा परिवार से संबंधित है और मुख्य रूप से मेघालय राज्य के आदिवासी लोगों द्वारा बोली जाती है। यह भाषा खासी-खमुइक भाषाओं के समूह का हिस्सा है। खासी भाषा के अधिकांश वक्ता मेघालय राज्य में पाए जाते हैं। यह भाषा असम राज्य के पहाड़ी जिलों में अनेक लोगों द्वारा बोली जाती है। खासी भाषा के बड़े वक्ता बांग्लादेश के पड़ोसी देश में पाए जाते हैं। खासी भाषा किंवदंतियों और लोक कथाओं में काफी समृद्ध है। प्राचीन काल में इस भाषा की अपनी कोई लिपि नहीं थी। खासी ऑस्ट्रो-एशियाई परिवार की सोम-खमेर शाखा का सदस्य है। यह मुख्य रूप से मेघालय राज्य में लगभग छह लाख वक्ताओं द्वारा बोली जाती है। खासी की कई बोलियाँ हैं। खासी की मुख्य बोलियाँ स्टैंडर्ड खासी, भोई-जिरांग, लैंगरिन, नोंगतुंग, लिंगंगम हैं।
लैंगरिन खासी ज्यादातर पश्चिम खासी पहाड़ियों में बोली जाती है। खासी भाषा की भोई और जिरांग बोलियाँ ज्यादातर नोंगपोह ब्लॉक में पूर्वी खासी पहाड़ियों में बोली जाती हैं। नोंगटुंग मुख्य रूप से पूर्वी खासी पहाड़ियों- उमसिंग ब्लॉक में बोली जाती है।
खासी भाषा की विभिन्न बोलियाँ, जैसे मानक खासी, लैंगरिन, भोई, नोंगतुंग और लिंगंगम, मुख्य रूप से शब्द क्रम की दृष्टि से उनके बीच पाई जाने वाली विविधता की सीमा को दर्शाती हैं।

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