गांधी सागर बांध, मध्य प्रदेश

गांधी सागर बांध चंबल नदी पर बने चार प्रमुख बांधों में से एक है। बांध मध्य प्रदेश के मंदसौर और नीमच जिलों में स्थित है। मध्य प्रदेश का जल संसाधन विभाग गांधी सागर बांध का रखरखाव करता है। गांधी सागर बांध में भारत का तीसरा सबसे बड़ा जलाशय है। इस बांध के पानी का उपयोग कोटा बैराज द्वारा 427,000 हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई के लिए किया जाता है।
गांधी सागर बांध का इतिहास
इस बांध का निर्माण 1954 में शुरू हुआ था और 1970 में पूरा हुआ था। इस बांध का आधारशिला भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 7 मार्च 1954 को रखी थी। पंचवर्षीय योजना को भारत सरकार द्वारा वर्ष 1951 में शुरू किया गया था। राजस्थान और मध्य प्रदेश की सरकारों ने गांधी सागर बांध परियोजना के लिए चंबल नदी घाटी विकास के लिए पहल की। वर्ष 1953 में बांध का निर्माण तीन चरणों द्वारा प्रस्तावित किया गया था।
गांधी सागर बांध का भूगोल
यह गहरे घाटियों का एक क्षेत्र है। मंदसौर जिला मुख्यालय से 168 किमी की दूरी पर बांध स्थित है।
गांधी सागर बांध की विशेषताएं
गांधी सागर बांध 22,584 वर्ग किलोमीटर के जलग्रहण क्षेत्र से 7.322 बिलियन क्यूबिक मीटर की सकल भंडारण क्षमता के साथ 62.17 मीटर ऊँचा एक चिनाई वाला गुरुत्व बांध है। बांध का जलाशय क्षेत्र भारत में तीसरा सबसे बड़ा है, जो पूरे वर्ष में बड़ी संख्या में प्रवासी और गैर-प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करता है।

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