ग्राफीन-औरोरा कार्यक्रम (Graphene-Aurora Program) क्या है?

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव, श्री अलकेश कुमार शर्मा ने केरल के मेकर विलेज कोच्चि में ‘ग्राफीन-औरोरा कार्यक्रम’ का उद्घाटन किया। डिजिटल यूनिवर्सिटी केरल द्वारा क्रियान्वित इस पहल को MeitY, केरल सरकार और कार्बोरंडम प्राइवेट लिमिटेड सहित उद्योग भागीदारों से संयुक्त फण्ड प्राप्त होता है। 94.85 करोड़ रुपये के बजट के साथ, इस कार्यक्रम का लक्ष्य ग्राफीन प्रौद्योगिकियों के नवाचार और व्यावसायीकरण को बढ़ावा देना है।

‘इंडिया ग्राफीन इंजीनियरिंग एंड इनोवेशन सेंटर (I-GEIC)’ नामक एक गैर-लाभकारी कंपनी की स्थापना अनुसंधान और व्यावसायीकरण के बीच की खाई को पाट देगी, स्टार्टअप और उद्योगों को समर्थन देगी। उभरती हुई ग्राफीन प्रौद्योगिकी पर कार्यक्रम के फोकस से भारत को वैश्विक नई सामग्री बाजार में एक नेता के रूप में स्थापित करने की उम्मीद है।

मुख्य बिंदु

ग्राफीन-औरोरा कार्यक्रम का उद्घाटन इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव श्री अलकेश कुमार शर्मा ने किया। इस पहल का उद्देश्य केरल में ग्राफीन प्रौद्योगिकियों के नवाचार और व्यावसायीकरण को बढ़ावा देना है।

इस कार्यक्रम को MeitY, भारत सरकार, केरल सरकार और कार्बोरंडम प्राइवेट लिमिटेड सहित उद्योग भागीदारों द्वारा संयुक्त रूप से वित्त पोषित किया गया है। इसका कुल बजट 94.85 करोड़ रुपये है।

‘इंडिया ग्राफीन इंजीनियरिंग एंड इनोवेशन सेंटर (I-GEIC)’ की क्या भूमिका है?

I-GEIC, एक गैर-लाभकारी कंपनी, अनुसंधान और व्यावसायीकरण के बीच एक पुल के रूप में कार्य करेगी, जो स्टार्टअप और उद्योगों को ग्राफीन प्रौद्योगिकियों को विकसित करने और स्केल करने के लिए एक व्यापक सुविधा प्रदान करेगी।

उभरती ग्राफीन प्रौद्योगिकी पर ग्राफीन-औरोरा कार्यक्रम के फोकस से भारत को नवाचार को बढ़ावा देने और व्यावसायीकरण का समर्थन करके दुनिया के नए सामग्री बाजार में महत्वपूर्ण उपस्थिति हासिल करने में मदद मिलने की उम्मीद है।

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