चिपको आन्दोलन के नेता सुन्दरलाल बहुगुणा (Sunderlal Bahuguna) का निधन

21 मई, 2021 को प्रसिद्ध पर्यावरणविद और चिपको आन्दोलन के नेता सुन्दरलाल बहुगुणा का निधन हो गया, वे कोविड-19 से संक्रमित थे। वे 94 वर्ष के थे।

सुन्दरलाल बहुगुणा (Sunderlal Bahuguna)

सुन्दरलाल बहुगुणा का जन्म 9 जनवरी, 1927 को उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल में हुआ था। उन्हें चिपको आन्दोलन में उनकी भूमिका के लिए जाना जाता है। उन्होंने हिमालयी क्षेत्र में वनों के संरक्षण के लिए कार्य किया। चिपको आन्दोलन के अलावा टिहरी बाँध के विरुद्ध आन्दोलन किया। उन्हें 1981 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया गया था, परन्तु उन्होंने पुरस्कार लेने से इंकार कर दिया था। वर्ष 1986 में उन्हें Right Livelihood Award से सम्मानित किया गया। 1986 में उन्हें जमनालाल बजाज अवार्ड और 2009 में उन्हें पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

चिपको आन्दोलन (Chipko Movement)

चिपको आन्दोलन भारत में वनों के संरक्षण के लिए शुरू हुआ था। इसकी शुरुआत 1973 उत्तराखंड में हुई थी। इस आन्दोलन का उद्देश्य वनों को नष्ट होने से बचाना था। इस आन्दोलन में सुंदरलाल बहुगुणा, सुरक्षा देवी, गौरा देवी, सुदेशा देवी, बचनी देवी, चंडी प्रसाद भट्ट, विरुष्का देवी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस आन्दोलन के लिए सुन्दरलाल बहुगुणा को 2009 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। जबकि चंडी प्रसाद भट्ट को 1982 में रमन मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

 

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