चीन की आबादी 0.53% की दर से बढ़ी

चीन की सालाना आबादी इस दशक के दौरान धीमी हो गई है। इसने देश के जनसांख्यिकीय लाभांश (demographic dividend) को खतरे में डाल दिया है।

जनगणना के परिणाम

  • 2020 की जनगणना में चीन की वार्षिक जनसंख्या वृद्धि 53% थी। 2010 की जनगणना में यह 0.57% थी।
  • पहली जनगणना के बाद से यह जनसंख्या वृद्धि की दर सबसे धीमी है। देश की पहली जनगणना 1953 में आयोजित की गई थी।
  • देश में सबसे तेज वृद्धि दर 1982 में दर्ज की गई थी। उस समय वृद्धि दर 09% थी।
  • चीन में 2020 में जन्म की संख्या 12 मिलियन थी।इसमें पिछले वर्ष की तुलना में इसमें 20% की कमी आई है।
  • यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि चीन ने 2016 में अपनी “वन-चाइल्ड पॉलिसी” को रद्द कर दिया था। यह नीति 1979 में शुरू की गई थी।
  • 60 वर्ष और उससे अधिक की आयु में जनसंख्या 2020 की जनगणना में 27% बढ़ी। 2010 की जनगणना में इसमें 13.26% की वृद्धि हुई थी।
  • चीन की औसत आयु 8 वर्ष है।अमेरिकी नागरिकों की तुलना में चीनी समृद्ध और मजबूत हैं। अमेरिकी जनसंख्या की औसत आयु 38 वर्ष है।
  • चीन की जीवन प्रत्याशा बढ़ती रही है।हाल ही में, चीन सरकार ने महिलाओं की सेवानिवृत्त आयु 55 वर्ष और पुरुषों की 60 वर्ष कर दी।
  • चीन में शहरी आबादी 68% से बढ़कर 63.89% हो गई है।

कार्यशील जनसँख्या (Working Age Population)

चीन में कामकाजी उम्र की आबादी 70.14% से घटकर 63.35% हो गई है। देश में कार्यशील जनसंख्या के घटने पर कई विशेषज्ञों ने चिंता ज़ाहिर की है। अप्रैल 2021 में, सेंट्रल बैंक ऑफ चाइना ने जनसांख्यिकी पर एक रिपोर्ट जारी की। इसने कहा कि चीन में जनसांख्यिकीय लाभांश ख़त्म होता जा रहा है। और दूसरी ओर, भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश बढ़ रहा है। यह व्यापक बल भारत को तेज दर से बढ़ने में मदद करेगा।

भारत

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, भारत 2025 तक दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश बनने के लिए चीन से आगे निकल जाएगा।

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