चीन तिब्बत में पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाएगा
चीन तिब्बत के सुदूर हिमालयी क्षेत्र में पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाएगा। यह इलेक्ट्रिक ट्रेन प्रांतीय राजधानी ल्हासा को न्यिंगची से जोड़ेगी।
मुख्य बिंदु
- सिचुआन-तिब्बत रेलवे के 5 किलोमीटर लंबे ल्हासा-न्यिंगची खंड का उद्घाटन 1 जुलाई को सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के शताब्दी समारोह से पहले किया जाएगा।
- न्यिंगची अरुणाचल प्रदेश के करीब एक रणनीतिक रूप से स्थित तिब्बती सीमावर्ती शहर है।
- विद्युत पारेषण प्रक्रिया (electricity transmission process) पूरी कर ली गई है।
सिचुआन-तिब्बत रेलवे (Sichuan-Tibet Railway)
सिचुआन-तिब्बत रेलवे निर्माणाधीन रेलवे है। यह चेंगदू (सिचुआन की राजधानी) और ल्हासा (तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र की राजधानी) को जोड़ेगा। यह एक 1,629 किमी लंबी लाइन है जो चेंगदू से ल्हासा तक यात्रा के समय को 48 से 13 घंटे तक कम करने जा रही है। किंघई-तिब्बत रेलवे के बाद यह तिब्बत में दूसरा रेलवे होगा। यह किंघई-तिब्बत पठार के दक्षिण-पूर्व से होकर गुजरेगा, जो दुनिया के सबसे भूगर्भीय रूप से सक्रिय क्षेत्रों में से एक है।
रेलवे के तीन खंड
चेंगदू-यान नामक रेलवे का पहला खंड 28 दिसंबर, 2018 को शुरू किया गया था। न्यिंगची-ल्हासा नामक रेलवे का दूसरा खंड, 25 जून, 2021 को खुलेगा। जबकि अंतिम खंड यान-न्यिंगची के 2030 में पूरा होने की उम्मीद है।
यह परियोजना क्यों शुरू की गई थी?
चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा मानता है। इस दावे को भारत ने खारिज कर दिया है। इस प्रकार, चीन ने इस क्षेत्र के पास अपना पैर जमाने के लिए यह परियोजना शुरू की है।
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