चीन ने विदेशी प्रतिबंधों के खिलाफ कानून पारित किया
चीन ने विदेशी प्रतिबंधों के खिलाफ एक नया कानून पारित किया है। इस कानून के साथ चीन व्यापार और मानवाधिकारों पर बढ़ते अमेरिका और यूरोपीय संघ के दबाव के खिलाफ अपने बचाव करना चाहता है।
मुख्य बिंदु
चीन ने अमेरिका पर चीनी फर्मों को दबाने का आरोप लगाने और जवाबी कार्रवाई की परोक्ष धमकी देने के बाद यह कानून पारित किया। यह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडेन द्वारा कंपनियों की एक ब्लैक लिस्ट का विस्तार करने के बाद यह किया गया था जिसमें अमेरिकियों को निवेश करने से रोक दिया गया था।
नए कानून के प्रावधान
इस नए चीनी कानून में निम्नलिखित प्रतिवाद प्रावधान (countermeasure provisions) हैं:
- वीजा जारी करने से इनकार, प्रवेश से इनकार और निर्वासन।
- चीनी व्यवसायों या अधिकारियों के खिलाफ विदेशी प्रतिबंधों से जुड़े व्यक्तियों और व्यवसायों की संपत्ति को सील करना, जब्त करना और फ्रीज करना
- उन व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों पर भी प्रतिबंध लागू किया जा सकता है जो चीन का अपमान करते हैं।
- यह चीनी अदालतों को राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाने वाले विदेशी कानूनों का पालन करने वाली कंपनियों को दंडित करने की अनुमति देता है।
पृष्ठभूमि
चीन लंबे समय से व्यापार पर प्रतिबंधों के माध्यम से अमेरिकी कानून के अतिरिक्त क्षेत्राधिकार के बारे में शिकायत कर रहा है। जो बाइडेन हाल के महीनों में हांगकांग और शिनजियांग में बौद्धिक संपदा की चोरी और कथित मानवाधिकारों के हनन को लेकर भी चीन की आलोचना कर रहे हैं।
ब्लैक लिस्टेड अमेरिकी कंपनियां
कई अमेरिकी कंपनियों को बीजिंग के सैन्य तंत्र के साथ उनके संबंधों के कारण निवेश करने से रोक दिया गया है। 59 चीनी कंपनियां जो अमेरिकी निवेशकों के लिए ऑफ-लिमिट हैं, उनमें चाइना मोबाइल, चाइना रेलवे कंस्ट्रक्शन कॉर्प, वीडियो सर्विलांस फर्म Hikvision और चाइना नेशनल ऑफशोर ऑयल कॉर्पोरेशन (CNOOC) शामिल हैं।
Tags:China , Current Affairs in Hindi , Hindi Current Affairs , US-China Trade War , चीन , चीन पर प्रतिबन्ध