जयंत कुमार बंठिया आयोग (Jayant Kumar Banthia Commission) क्या है?
20 जुलाई, 2022 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने जयंत कुमार बनठिया आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग को इस रिपोर्ट के अनुसार चुनाव कराने का निर्देश दिया है। इसने राज्य में रुके हुए चुनावों को तत्काल आधार पर कराने के लिए कदम उठाने का भी निर्देश दिया और अगले दो सप्ताह में चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा करने को कहा। शीर्ष अदालत राहुल वाघ द्वारा 2021 में आरक्षण के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
जयंत कुमार बंथिया आयोग की रिपोर्ट की मुख्य विशेषताओं में शामिल हैं:
- इस रिपोर्ट ने महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए मार्ग प्रशस्त किया है।
- इस आयोग ने स्थानीय निकायों में 27 और आरक्षण प्रदान करने की सिफारिश की है। इस सिफारिश को सुप्रीम कोर्ट ने मान लिया है।इस प्रकार, राज्य में होने वाले स्थानीय स्वशासन के चुनावों में ओबीसी को 27% राजनीतिक आरक्षण मिलेगा।
- इस रिपोर्ट के अनुसार, प्रत्येक स्थानीय निकाय में ओबीसी को उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण प्रदान किया जाना चाहिए। हालांकि, यह आरक्षण अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए वैधानिक आरक्षण को प्रभावित नहीं करना चाहिए। यह 50% की आरक्षण सीमा के अधीन है।
जयंत कुमार बंथिया आयोग एक छह सदस्यीय आयोग है, जिसे मार्च 2022 में महाराष्ट्र सरकार द्वारा स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण के मामले को देखने के लिए स्थापित किया गया था। इसने 7 जुलाई 2022 को अपनी रिपोर्ट सौंपी।
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