जलगांव जिला, महाराष्ट्र
जलगांव जिला महाराष्ट्र राज्य में स्थित है। यह लगभग 11,700 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है। जलगांव जिला बागवानी के लिए प्रसिद्ध है। जिले में उगाए गए केले राज्य के बाहर और अन्य देशों में निर्यात किए जाते हैं। जलगाँव भारत का सबसे बड़ा केला उत्पादक जिला है। जलगाँव इंजीनियरिंग और कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में कई कॉलेजों के साथ एक प्रमुख शैक्षणिक स्थान के रूप में विकसित हो रहा है।
जलगांव जिले का स्थान
जलगांव जिला महाराष्ट्र राज्य के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में स्थित है। यह उत्तर में सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला, औरंगाबाद जिले और दक्षिण में नासिक जिले, पूर्व में मध्य प्रदेश और बुलढाणा और पश्चिम में धुले से घिरा है। अजंता पर्वत श्रृंखलाएं दक्षिण में स्थित हैं।
जलगाँव जिले का इतिहास
पहले इस जिले को रसिका नाम से जाना जाता था, और इस क्षेत्र के फारकी राजाओं के शासन में आने के बाद इसे खानदेश कहा जाने लगा। वाकाटक वंश, हैदराबाद के निजाम और बाद में मराठों ने इस क्षेत्र पर शासन किया। 1956 में राज्यों के पुनर्गठन के साथ इसे बॉम्बे राज्य में शामिल किया गया था। 1960 में महाराष्ट्र के गठन के साथ जलगाँव राज्य का एक जिला बन गया।
जलगांव जिले का भूगोल
इस जिले की जलवायु काफी भिन्न है। यहाँ मानसून में लगभग 700 मिमी वर्षा होती है। सर्दियों में तापमान सुखद होता है। जिले की प्रमुख प्राकृतिक विशेषता ताप्ती नदी है।
जलगांव जिले की संस्कृति
इस जिले की स्थानीय भाषा मराठी भाषा है। मध्य प्रदेश की सीमा से लगे क्षेत्रों में लोग हिंदी भाषा बोलते हैं। लोगों का मुख्य भोजन बाजरा, गेहूं और चावल है। जिले में चार मुख्य मेले लगते हैं।
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