जलवायु लक्ष्य को पूरा करने के लिए 2025 तक 1 बिलियन टन CO2 को हटाने पड़ेगा : रिपोर्ट
Coalition for Negative Emissions (CNE) & McKinsey द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, चालू परियोजनाएं 2025 जलवायु परिवर्तन लक्ष्य को पूरा करने के लिए हवा से कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा का केवल कुछ अंश ही हटा पाएंगी।
मुख्य बिंदु
लगभग 190 देशों ने पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जो ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने का प्रयास करता है।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
- इस रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल वार्मिंग को पेरिस समझौते के भीतर रखने का लक्ष्य 5 डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य को 2025 तक वैश्विक स्तर पर 1 गीगाटन नकारात्मक उत्सर्जन के बिना हासिल नहीं किया जा सकता है।
- इस रिपोर्ट पर प्रकाश डाला गया है, अगर पेरिस लक्ष्य को पूरा करना है, तो देशों को 2025 तक वायुमंडल से एक अरब टन CO2 को हटाना होगा।
- इस लक्षित कमी को सालाना एक अरब टन से अधिक बढ़ाने की आवश्यकता होगी।
- इस रिपोर्ट के अनुसार, चालू परियोजनाओं की वर्तमान पाइपलाइन 2025 तक लगभग 150 मिलियन टन CO2 को ही हटा सकती है।
चिंताएं
टेक्नोलॉजी को बढ़ाने से लागत कम होगी और 2050 तक औसतन 30-100 पाउंड प्रति टन CO2 को हटा दिया जाएगा। यह तकनीक महंगी है।
नकारात्मक उत्सर्जन परियोजनाएं
इस रिपोर्ट के अनुसार, नकारात्मक उत्सर्जन परियोजनाओं में शामिल हैं-
- बायो-एनर्जी और कार्बन उत्सर्जन भण्डारण
- उत्सर्जन को कैप्चर और संग्रहीत करने की तकनीक
- वनीकरण जैसे प्राकृतिक जलवायु समाधान
Categories: पर्यावरण एवं पारिस्थिकी करेंट अफेयर्स
Tags:Coalition for Negative Emissions (CNE) & McKinsey , Hindi Current Affairs , ग्लोबल वार्मिंग , जलवायु , जलवायु लक्ष्य , नकारात्मक उत्सर्जन परियोजनाएं , पेरिस समझौता