जायंट मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप को मिला IEEE का माइलस्टोन स्टेटस, जानिये इस टेलिस्कोप की खासियत
हाल ही में इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स (IEEE) ने जायंट मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप (GMRT) ऑब्जर्वेटरी को ‘IEEE माइलस्टोन’ का दर्जा दिया। GMRT को यह दर्जा महत्वपूर्ण तकनीकी उपलब्धि के लिए दिया गया है। यह भारतीय योगदान के लिए प्रदान की गयी तीसरी ‘IEEE माइलस्टोन’ मान्यता है।
इससे पहले, IEEE माइलस्टोन का दर्जा 1895 में जे.सी. बोस और 1928 में सी.वी. रमन के कार्य को दिया गया था। इन दोनों के कार्यों को यह दर्जा वर्ष 2012 में दिया गया था।
‘IEEE माइलस्टोन’ स्टेटस क्या है?
IEEE माइलस्टोन स्टेटस, इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स (IEEE) द्वारा दिया जाता है। यह दर्जा इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आवश्यक और ऐतिहासिक उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है।
जायंट मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप (GMRT) वेधशाला
जायंट मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप (GMRT) वेधशाला पुणे के पास स्थित है। यह वेधशाला तीस स्टीयरेबल पैराबोलिक रेडियो टेलिस्कोप की एक सरणी है। प्रत्येक रेडियो टेलीस्कोप में 45 मीटर का व्यास है। इसका निर्माण 1984 से 1996 के दौरान किया गया था। यह दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे संवेदनशील कम आवृत्ति वाली रेडियो वेधशालाओं में से एक है। वर्तमान में इसका संचालन टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) द्वारा किया जा रहा है।
इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स (IEEE)
IEEE दुनिया का सबसे बड़ा तकनीकी पेशेवर संगठन है। इसका कॉर्पोरेट मुख्य कार्यालय न्यूयॉर्क में स्थित है। इसका ऑपरेशन सेंटर न्यू जर्सी में भी है। इसकी स्थापना वर्ष 1963 में हुई थी। इस संगठन में इंस्टिट्यूट ऑफ़ रेडियो इंजीनियर्स और अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर्स शामिल हैं।
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