जीरो पेंडेंसी कोर्ट्स प्रोजेक्ट किस उच्च न्यायालय से सम्बंधित है?
उत्तर – दिल्ली उच्च न्यायालय
जीरो पेंडेंसी कोर्ट्स प्रोजेक्ट दिल्ली उच्च न्यायालय का एक पायलट प्रोजेक्ट है। इसका क्रियान्वयन दिल्ली के विभिन्न अधीनस्थ न्यायालयों में किया जा रहा है। इसके द्वारा विभिन्न प्रकार के मामलों के लिए समय सीमा तथा न्यायधीशों की संख्या निश्चित करने में सहायता मिलेगी।
मुख्य बिंदु
- दिल्ली में सभी लंबित पड़े मामलों को एक वर्ष में क्लियर करने के लिए 43 अन्य न्यायधीशों की आवश्यकता है, मौजूदा समय में दिल्ली में न्यायधीशों की मौजूदा संख्या 143 है।
- लगातार देरी के कारण न्याय प्रणाली पर लोगों का विश्वास कम हो गया है, इससे लोगों को न्याय के लिए कई दशकों तक इंतज़ार करना पड़ रहा है।
- पिछले वर्षों में मामले दायर किये जाने में काफी वृद्धि हुई है, जिससे लंबित पड़े मामलों में वृद्धि होना स्वाभाविक है। इसके समाधान के लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता है।
- न्यायिक मामलों में देरी के कारण भारत को प्रतिवर्ष सकल घरेलु उत्पाद (GDP) के 1.5% का नुकसान होता है।
- रिपोर्ट के मुताबिक गवाहों की गैर-हाज़री, वकीलों द्वारा अनावश्यक स्थगन की मांग, न्यायधीशों की कम संख्या, समन देने में देरी इत्यादि के कारण मामलों के निपटान में देरी होती है।