जेम्स वेब टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) अपनी कक्षा में पहुंचा

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप पृथ्वी से लगभग 15 लाख किमी की दूरी पर अपने अंतिम गंतव्य पर पहुंच गया है। यह टेलीस्कोप अंतरिक्ष के एक क्षेत्र में परिक्रमा करेगा जिसे लैग्रेंज बिंदु (Lagrange point) के रूप में जाना जाता है, जहां सूर्य और पृथ्वी से गुरुत्वाकर्षण खिंचाव घूर्णन प्रणाली के केन्द्रापसारक बल (centrifugal force) द्वारा संतुलित किया जाता है। इन बिंदुओं को सबसे पहले इतालवी फ्रांसीसी गणितज्ञ जोसेफ-लुई लैग्रेंज (Joseph-Louis Lagrange) द्वारा सिद्धांतित किया गया था।

जेम्स वेब टेलीस्कोप (James Webb Telescope)

इसे नासा, कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया था। इसे एरियन रॉकेट से लॉन्च किया गया था।

मील के पत्थर

13.7 अरब साल पहले बनी आकाशगंगाओं और तारों को स्कैन करने के लिए इस टेलीस्कोप लॉन्च किया गया है। इस टेलीस्कोप की कीमत 10 अरब डॉलर है।

जेम्स वेब टेलीस्कोप की तैनाती

टेलीस्कोप को अपने सही रूप में संरेखित होने (align) में 15 दिन लगे। इसमें 18 खंड थे और वे सभी मैन्युअल रूप से संरेखित किये गये। दर्पणों को संरेखित करने में 12 दिन लगे। संरेखण प्रक्रिया अभी भी चल रही है और इस टेलिस्कोप को अपनी पहली उड़ान के लिए तैयार होने में तीन महीने लगेंगे।

उद्देश्य

  • यह टेलीस्कोप हबल की दूरबीन से भी आगे देखने में सक्षम होगा। इसके दर्पण IR (इन्फ्रा रेड) से जुड़े होते हैं।
  • जेम्स वेब टेलीस्कोप बाह्यग्रह और वायुमंडल का अध्ययन करेगा।
  • साथ ही, यह टेलीस्कोप पृथ्वी के समान वायुमंडल की खोज करेगा।
  • यह बिग बैंग के दौरान बनी आकाशगंगाओं की खोज करेगा। साथ ही यह आकाशगंगाओं के विकास की प्रक्रिया को भी निर्धारित करेगा। यह तारों के गठन का निरीक्षण करेगा। साथ ही टेलीस्कोप ग्रहों के रासायनिक और भौतिक गुणों को भी मापेगा।

स्थान

टेलीस्कोप को एक ऐसी कक्षा में स्थापित किया जायेगा जो पृथ्वी से 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर है। इसे दूसरा लैग्रेंज प्वाइंट L2 कहा जाता है। इसे पृथ्वी की कक्षा में स्थापित नहीं किया गया है।

Categories:

Tags: , , , , , , , , ,

Advertisement

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *