ज्ञानपीठ पुरस्कार 2021 (Jnanpith Award) के विजेता की घोषणा की गई
56वें और 57वें ज्ञानपीठ पुरस्कारों की घोषणा हाल ही में क्रमशः वर्ष 2020 और 2021 के लिए की गई।
मुख्य बिंदु
- असमिया कवि नीलमणि फूकान जूनियर (Nilmani Phookan Jr.) और कोंकणी उपन्यासकार दामोदर मौजो (Damodar Mauzo) क्रमशः 56वें और 57वें पुरस्कार के विजेता के रूप में उभरे हैं। उन्हें भारतीय साहित्य में उनके योगदान के लिए चुना गया था।
- ज्ञानपीठ पुरस्कार (Jnanpith Award) भारत का सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान है, जो साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए लेखकों को दिया जाता है।
- फूकन और मौजो दोनों ही साहित्य अकादमी पुरस्कार के विजेता भी हैं। वे संबंधित क्षेत्रीय साहित्य में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाने जाते हैं।
- दामोदर मौजो गोवा के मजोरदा से हैं जबकि नीलमणि फूकन असम के गुवाहाटी से हैं।
असमिया कवि नीलमणि फूकान
असमिया कवि नीलमणि फूकान को साहित्य के प्रति उनकी आजीवन भक्ति का सम्मान करते हुए सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ मिला।
कोंकणी लेखक दामोदर मौजो
दामोदर मौजो 77 वर्षीय कोंकणी लेखक हैं। उन्हें 57वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्हें सुनामी साइमन (Tsunami Simon) और कारमेलिन (Karmelin) जैसे उपन्यासों के साथ-साथ गोवा की अन्य कहानियों के लिए गया है।
ज्ञानपीठ पुरस्कार (Jnanpith Award)
ज्ञानपीठ पुरस्कार सबसे पुराना और सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार है। साहित्य में योगदान के लिए एक लेखक को भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रतिवर्ष सम्मानित किया जाता है। यह पुरस्कार 1961 में स्थापित किया गया था। यह केवल उन भारतीय लेखकों को दिया जाता है जो अंग्रेजी तथा भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में उल्लिखित भारतीय भाषाओं में लिखते हैं।
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