झारखंड में पहला “परिणाम पर आधारित बजट” पेश किया गया

झारखंड सरकार ने पहली बार 3 मार्च, 2021 को “परिणाम-आधारित बजट” (Outcome-Based Budget) प्रस्तुत किया है। इस बजट में, सभी विभागों को विशिष्ट लक्ष्य और जिम्मेदारियाँ दी गई हैं जिन्हें एक निर्धारित समय में पूरा किया जाना आवश्यक है। उन लक्ष्यों के संबंध में परिणामों का मूल्यांकन वित्तीय वर्ष 2022 के अंत में किया जाएगा।

मुख्य बिंदु

वित्त मंत्री रामेश्वर ओरान ने वित्तीय वर्ष  2021-22 के लिए 91, 277 करोड़ रुपये के परिणाम आधारित बजट को पेश किया। यह बजट 2019-2020 में 86, 370 करोड़ रुपये के बजट से बढ़ाया गया था। सरकार ने यह भी कहा कि, 2021-22 में, राजकोषीय घाटा 10, 210.87 करोड़ रुपये के बराबर होगा। इसमें राज्य की जीडीपी का 2.83 प्रतिशत हिस्सा है।

नए बजट के तहत कौन से विभाग शामिल हैं?

जिम्मेदारी तय करने की नई पहल के तहत पशुपालन, कृषि, सहकारिता, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा जैसे 11 विभागों को परिणाम आधारित बजट के तहत शामिल किया गया है। इन विभागों ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए जो काम करने की योजना बनाई है, उसके बारे में विस्तृत दस्तावेज पहले ही प्रस्तुत कर चुके हैं।

बजट के दौरान योजनाओं की घोषणा

इस योजना के तहत सभी वृद्धों, अनाथ और विकलांगों के लिए “यूनिवर्सल पेंशन” योजना की घोषणा की गई थी। इससे राज्य 365 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। इसी तरह, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग 15 जिलों में मेडिकल कॉलेज के संचालन के मद्देनजर एमबीबीएस सीटों की संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से काम कर रहा है।

परिणाम आधारित बजट (Outcome Based Budget)

बजट पेश करने की इस तकनीक की सिफारिश 2007- 08 के बजट से की गई थी। इस तंत्र के तहत, एक क्षेत्र को संभालने वाले प्रत्येक मंत्रालय को वित्त मंत्रालय को प्रारंभिक परिणाम आधारित बजट पेश करने की आवश्यकता होती है। यह बजट बजट के परिव्यय, उत्पादन और परिणाम के बीच संबंध स्थापित करने के उद्देश्य से प्रस्तुत किया जाता है।

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