ट्रैफिक से संबंधित प्रदूषण के कारण 2 मिलियन बच्चे अस्थमा से प्रभावित हुए : अध्ययन
बाल अस्थमा (Children Asthma) पर नए अध्ययन के अनुसार, मुंबई से लॉस एंजिल्स तक, यातायात से संबंधित वायु प्रदूषक (traffic-related air pollutants) बच्चों के अस्थमा के लगभग 2 मिलियन नए मामलों के लिए जिम्मेदार हैं।
मुख्य बिंदु
- अस्थमा एक पुरानी बीमारी है, जिससे फेफड़ों के वायुमार्ग में सूजन आ जाती है।
- शोधकर्ताओं ने नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) की जमीनी सांद्रता का अध्ययन किया, जो कि टेलपाइप वाहन उत्सर्जन, औद्योगिक स्थलों और बिजली संयंत्रों से आने वाला प्रदूषक है। उन्होंने 2000 से 2019 तक 13,000 शहरों में बच्चों में अस्थमा के नए मामलों पर नज़र रखी।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
- इस अध्ययन के अनुसार, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड बच्चों को अस्थमा के खतरे में डालती है। खासकर शहरी क्षेत्रों में यह समस्या विकट है।
- इस अध्ययन से पता चलता है कि बच्चों को स्वस्थ रखने के उद्देश्य से स्वच्छ हवा रणनीतियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए।
- 2019 में वैश्विक स्तर पर NO2 के कारण 1.85 मिलियन नए बाल अस्थमा के मामलों में से दो-तिहाई शहरी क्षेत्रों से थे।
- यूरोप और अमेरिका में वायु गुणवत्ता में सुधार के बावजूद, दक्षिण एशिया, मध्य पूर्व और उप-सहारा अफ्रीका में गंदी हवा या NO2 प्रदूषण बढ़ रहा है।
- NO2 प्रदूषण से जुड़े बाल अस्थमा के मामले, उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया के लिए एक बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य बोझ का प्रतिनिधित्व करते हैं।
मौतों की संख्या
इस अध्ययन के अनुसार, अकेले 2019 में 1.8 मिलियन अधिक मौतों को शहरी वायु प्रदूषण से जोड़ा जा सकता है।
एक्सपोजर स्तर
दुनिया भर के शहरों में 86% वयस्क और बच्चे सूक्ष्म कणों के स्तर के संपर्क में हैं, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों से अधिक है।
आगे का रास्ता
जीवाश्म ईंधन से चलने वाले परिवहन में कमी से वयस्कों और बच्चों को आसानी से सांस लेने में मदद मिल सकती है और बच्चों में अस्थमा और मौतों के मामले कम हो सकते हैं। इससे ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने में भी मदद मिलेगी।
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