डिक फॉस्बरी (Dick Fosbury) का 76 वर्ष की आयु में निधन हुआ
अपनी अपरंपरागत तकनीक से ऊंची कूद के खेल को हमेशा के लिए बदल देने वाले दिग्गज अमेरिकी हाई जम्पर डिक फॉस्बरी का 76 साल की उम्र में निधन हो गया। फॉस्बरी 1968 के मैक्सिको सिटी ओलंपिक में ऊंची कूद में स्वर्ण पदक विजेता थे, जहां उन्होंने दुनिया को चौंका दिया था। उनकी क्रांतिकारी शैली को फॉस्बरी फ्लॉप के नाम से जाना जाता है।
फॉस्बरी फ्लॉप का जन्म
फॉस्बरी फ्लॉप रातोंरात सफल नहीं हुए; यह वर्षों के प्रयोग और अभ्यास का परिणाम था। फ़ॉस्बरी ने पारंपरिक स्ट्रैडल तकनीक का उपयोग करके अपने एथलेटिक करियर की शुरुआत की, लेकिन जल्द ही उन्हें एहसास हुआ कि यह उन्हें वांछित परिणाम दिलाने के लिए पर्याप्त प्रभावी नहीं था। 1963 में एक हाई स्कूल मीट के दौरान, फ़ॉस्बरी ने स्ट्रैडल को छोड़ने और सिज़र तकनीक को आज़माने का फैसला किया, जो उस समय बहुत लोकप्रिय नहीं थी।
डिक फ़ॉस्बरी की विरासत
ओलंपिक के बाद, फॉस्बरी फ्लॉप दुनिया भर में सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक बन गई। यह सभी उम्र और कौशल स्तरों के उच्च कूदने वालों द्वारा अपनाया गया था, और यह आज तक प्रमुख तकनीक बनी हुई है। फॉस्बरी के इनोवेशन ने ऊंची कूद के खेल को हमेशा के लिए बदल दिया और इसने उन्हें ओलंपिक हॉल ऑफ फेम में जगह दिलाई।
फ़ॉस्बरी की विरासत एथलेटिक्स की दुनिया से भी आगे तक फैली हुई है। उनकी नवीन सोच और जोखिम उठाने की इच्छा जीवन के सभी क्षेत्रों में लोगों के लिए प्रेरणा है। उन्होंने साबित किया कि कभी-कभी अपरंपरागत रास्ता ही सफलता की ओर ले जाता है।
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