डिजिटल ओशन एप्लीकेशन को लांच किया गया

समुद्री विज्ञान और पूर्वानुमान सेवाओं के बारे में जानकारी साझा करने के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने डिजिटल ओशन एप्लीकेशन (Digital Ocean Application) लांच की है। इस एप्लीकेशन को INCOIS द्वारा विकसित डिजिटल महासागर प्लेटफॉर्म के तहत लॉन्च किया गया है। इंडियन नेशनल सेंटर फॉर ओशन इंफॉर्मेशन (INCOIS) विभिन्न हितधारकों को सलाहकार सेवाएं और जानकारी प्रदान करता है। इसमें महासागरीय अनुसंधान, महासागर स्थिति पूर्वानुमान, सलाहकार सेवाएं, उच्च लहर अलर्ट, तूफान, सूनामी की प्रारंभिक चेतावनी और तेल रिसाव पर आधारित डेटा शामिल इत्यादि हैं।

डिजिटल ओशन प्लेटफॉर्म

डिजिटल ओशन प्लेटफ़ॉर्म में उन एप्लीकेशन्स का सेट शामिल है जो भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी में प्रगति को अपनाकर विषम समुद्र संबंधी डेटा को व्यवस्थित करने के लिए विकसित किए गए हैं। यह प्लेटफार्म यूजर्स की विस्तृत श्रृंखला की डेटा संबंधी सभी जरूरतों के लिए वन-स्टॉप सोल्यूशन के रूप में काम करेगा। इसमें अनुसंधान संस्थान, रणनीतिक उपयोगकर्ता, परिचालन एजेंसियां, शैक्षणिक समुदाय, नीति निर्माता, समुद्री उद्योग शामिल हैं।

यह महासागर डेटा प्रबंधन के लिए इस प्रकार का पहला प्लेटफॉर्म है। यह प्लेटफार्म डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में में भी योगदान देगा। यह प्लेटफार्म समुद्र संबंधी सुविधाओं के विकास का आकलन करने के लिए डेटा एकीकरण, डेटा विश्लेषण, डेटा विज़ुअलाइज़ेशन, डेटा फ़्यूज़न और डेटा विश्लेषण के लिए एक ऑनलाइन इंटरैक्टिव वेब-आधारित वातावरण की सुविधा देता है।

इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (Indian Ocean Rim Association)

इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन में 14 सदस्य शामिल हैं। इसमें भारत, बांग्लादेश, सेशेल्स, कोमोरोस, मेडागास्कर, मॉरीशस, मालदीव, ओमान, मोजाम्बिक, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, केन्या, ईरान, मलेशिया, मेडागास्कर, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, तंजानिया, श्रीलंका, यूएई, थाईलैंड और यमन शामिल हैं। IORA के दस संवाद साझेदार जर्मनी, इटली, चीन, मिस्र, फ्रांस, इटली, जापान, तुर्की, यूके, कोरिया गणराज्य, यूएसए, यूके हैं। IORA 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा और अफ्रीकी संघ का सदस्य बना था।

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