ड्रोन की उड़ान : मुख्य बिंदु

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 77वें स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के दृष्टिकोण का अनावरण किया। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों के साथ सरकार के सहयोग पर जोर देते हुए गांवों में 2 करोड़ ‘लखपति दीदी’ बनाने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की घोषणा की। फिलहाल इन समूहों से 10 करोड़ महिलाएं जुड़ी हैं। पीएम मोदी ने बैंकिंग से लेकर स्वास्थ्य सेवा तक इन महिलाओं की विविध भूमिकाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कृषि-तकनीक और ग्रामीण विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के तत्काल उपयोग पर भी ध्यान केंद्रित किया। विशेष रूप से, 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन संचालन के लिए ऋण और प्रशिक्षण प्राप्त होगा, जिससे वे “ड्रोन की उड़ान” शुरू करने में सक्षम होंगी।

महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?

लक्ष्य स्वयं सहायता समूहों के साथ सरकार के सहयोग से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाकर गांवों में 2 करोड़ ‘लखपति दीदी’ बनाना है।

वर्तमान में कितनी महिलाएं महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) से जुड़ी हैं?

वर्तमान में, 10 करोड़ महिलाएँ महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का प्रदर्शन कर रही हैं।

पीएम मोदी के अनुसार ग्रामीण महिलाएं अपने समुदायों में कौन सी विविध भूमिकाएँ निभाती हैं?

प्रधान मंत्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ग्रामीण महिलाएं बैंकों में काम करने से लेकर आंगनबाड़ियों और यहां तक ​​​​कि स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने तक की भूमिका निभाती हैं।

प्रधानमंत्री मोदी महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण विकास में विज्ञान और प्रौद्योगिकी को कैसे शामिल करने की योजना बना रहे हैं?

पीएम मोदी ने घोषणा की कि 15,000 महिला एसएचजी को ड्रोन संचालित करने और मरम्मत करने के लिए ऋण और प्रशिक्षण मिलेगा, जिससे “ड्रोन की उड़ान” में उनकी भागीदारी आसान हो जाएगी।

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