तमिलनाडु के विभाजन पर चर्चा : मुख्य बिंदु

हालिया समय में तमिलनाडु के विभाजन के बारे में “कोंगु नाडु क्षेत्र” पर बहस शुरू हुई है।

कोंगु नाडु (Kongu Nadu)

कोंगु नाडु पश्चिमी तमिलनाडु क्षेत्र के हिस्से के लिए आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला नाम है। यह न तो पिन कोड वाला स्थान है और न ही किसी क्षेत्र को औपचारिक रूप से दिया गया नाम। तमिल साहित्य में इस स्थान का उल्लेख मिलता है। संगम साहित्य में एक अलग क्षेत्र के रूप में ‘कोंगु नाडु’ का भी उल्लेख है। वर्तमान में तमिलनाडु में, इस शब्द का प्रयोग अनौपचारिक रूप से नीलगिरी, तिरुपुर, कोयंबटूर, करूर, इरोड, नमक्कल और सलेम जिलों के अलावा, डिंडीगुल जिले के ओड्डनछत्रम और वेदसंदूर और धर्मपुरी जिले के पप्पीरेड्डीपट्टी के क्षेत्रों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है।

यह नाम कैसे व्युत्पन्न हुआ?

‘कोंगु नाडु’ नाम कोंगु वेल्लाला गौंडर (Kongu Vellala Gounder) से लिया गया है जो इन जिलों में रहने वाला एक ओबीसी समुदाय है।

क्षेत्र का महत्व

कोंगु नाडु क्षेत्र में सेलम, तिरुपुर, नमक्कल और कोयंबटूर में प्रमुख व्यवसाय और औद्योगिक केंद्र शामिल हैं। इस क्षेत्र को अन्नाद्रमुक का गढ़ माना जाता है, और जहां भाजपा का प्रभाव सीमित और केंद्रित है।

 

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