तेलंगाना का रुद्रेश्वर मंदिर (Rudreswara Temple) बना भारत का 39वां विश्व धरोहर स्थल (World Heritage Site)

रुद्रेश्वर मंदिर (Rudreswara Temple) जो तेलंगाना राज्य के मुलुगु जिले के पालमपेट में स्थित है, को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया है। 25 जुलाई, 2021 को यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के 44वें सत्र में यह निर्णय लिया गया। रुद्रेश्वर मंदिर (इसे रामप्पा मंदिर भी कहा जाता) को भारत सरकार द्वारा यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल टैग, 2019 के लिए प्रस्तावित किया गया था।

रुद्रेश्वर मंदिर (Rudreswara Temple) 

  • 1213 ई. में काकतीय साम्राज्य के शासन काल में रुद्रेश्वर मंदिर का निर्माण कराया गया था।
  • इस मंदिर का निर्माण काकतीय राजा गणपति देव के सेनापति रेचारला रुद्र ने करवाया था।
  • रामलिंगेश्वर स्वामी इस मंदिर के पीठासीन देवता हैं।
  • इस मंदिर को रामप्पा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, जिसका नाम मूर्तिकार के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने 40 वर्षों तक इस मंदिर में काम किया।
  • काकतीयों के शासनकाल के दौरान बने मंदिर परिसरों की एक अलग शैली, सजावट और तकनीक है।

COVID-19 महामारी के कारण, यूनेस्को की वर्ष 2020 की विश्व धरोहर समिति (WHC) की बैठक आयोजित नहीं की जा सकी और इसलिए, ऑनलाइन बैठकों के माध्यम से 2020 और 2021 के नामांकन पर चर्चा की गई। ये बैठकें अभी चल रही हैं। विश्व धरोहर समिति में 21 सदस्य हैं, चीन इस समिति का वर्तमान अध्यक्ष है।

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