दलित बंधु योजना (Dalit Bandhu Scheme) क्या है?

दलित बंधु तेलंगाना सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है। यह प्रति परिवार 10 लाख रुपये के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से राज्य के दलित परिवारों को सशक्त बनाने और उनमें उद्यमिता को सक्षम करने के लिए एक कल्याणकारी योजना है।

मुख्य बिंदु

  • तेलंगाना सरकार ने अपने राज्य के बजट में वर्ष 2022-23 के लिए दलित बंधु योजना के लिए 17,700 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
  • इस योजना की घोषणा राज्य सरकार ने 2021 में की थी।
  • अगस्त 2021 में इस योजना को पहले तुर्कपल्ली मंडल के वसलामरी गांव में शुरू किया गया था, और बाद में इसे हुजुराबाद विधानसभा क्षेत्र में लॉन्च किया गया था।

योजना के बारे में

इसे दलित परिवारों की सहायता के उद्देश्य से एक सामाजिक कल्याण योजना के रूप में तैयार किया गया है। इस पहल से राज्य में दलित उद्यमिता को प्रोत्साहन मिलेगा और उन सभी लोगों को प्रति परिवार 10 लाख रुपये का प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण प्रदान किया जाएगा, जिनके पास व्यवसाय स्थापित करने के लिए बैंक गारंटी नहीं है। यह किसी भी प्रकार का ऋण नहीं है, इसलिए पुनर्भुगतान की कोई आवश्यकता नहीं है। इस लेन-देन में कोई बिचौलिया नहीं होगा। पात्र लाभार्थी अपने बैंक खातों में राशि प्राप्त करेंगे।

दलित रक्षा निधि (Dalita Rakshana Nidhi)

अप्रत्याशित परिस्थितियों की स्थिति में दलित बंधु लाभार्थियों की सहायता के लिए एक दलित रक्षा निधि की स्थापना की गई है, जिससे वित्तीय पीड़ा से बचा जा सके।

यह योजना कहां लागू की जाएगी?

यह योजना हुजूराबाद विधानसभा क्षेत्र के साथ-साथ 118 विधानसभा क्षेत्रों के साथ-साथ चार और मंडलों में लागू की जाएगी जो तिरुमलागिरी, चिंताकानी, चरगोंडा और निजामसागर हैं। यह योजना 11,800 लाभार्थियों के लिए उपलब्ध होगी, जिसमें 118 विधानसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक के 100 लोग होंगे।

सरकार को इस साल मार्च के अंत तक 4,000 करोड़ रुपये की लागत से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से लगभग 40,000 परिवारों को नकद हस्तांतरण की उम्मीद है। सरकार अगले साल तक दो लाख लाभार्थियों को लाभ देना चाहती है।

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