दिल्ली: रोहिणी में स्थापित की गयी पहली पशु डीएनए प्रयोगशाला

दिल्ली की पहली “पशु डीएनए प्रयोगशाला” रोहिणी में फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में स्थापित की गई थी। 

मुख्य बिंदु 

इससे पहले, जानवरों के नमूने परीक्षण के परिणाम के लिए जानवरों के डीएनए परीक्षण सुविधाओं के साथ दूसरे राज्यों में भेजे जाते थे। कई बार इस प्रक्रिया में जांच में देरी हो जाती है।पशु डीएनए लैब ने दो मशीनों की भी खरीद की है।

यह डीएनए लैब पुलिस की कैसे मदद करेगी?

दिल्ली पुलिस द्वारा पशु डीएनए प्रयोगशाला का उपयोग गोहत्या, जानवरों के अवैध व्यापार और ऐसे अन्य पशु-संबंधी मामलों के समय पर निपटान के लिए किया जाएगा। फोरेंसिक लैब जानवर के किसी भी हिस्से से साक्ष्य का विश्लेषण करती है, जैसे रक्त और ऊतक के नमूने, बाल, दांत, शव और हड्डियों की सामग्री। मांस उत्पादों, जमे हुए मांस पैकिंग, वध मामलों आदि की पशु प्रजातियों की जांच और पहचान के लिए भी इस प्रयोगशाला का उपयोग किया जाएगा।

डीएनए नमूनों का उपयोग कैसे किया जाता है?

विशेषज्ञ नमूने की पहचान के संबंध में जानकारी प्रदान करने के लिए डीएनए का विश्लेषण करते हैं। जानवरों के बीच संबंधों की पहचान और लक्षण वर्णन के लिए डीएनए परीक्षण का उपयोग किया जाएगा। 

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