दूरसंचार विभाग ने 5G टेक्नोलॉजी और स्पेक्ट्रम परीक्षणों की अनुमति दी
दूरसंचार विभाग ने हाल ही में मोबाइल ऑपरेटरों को 5G परीक्षण करने की अनुमति दी है। हालाँकि, चीनी कंपनियों को ट्रायल से बाहर रखा गया है।
स्पेक्ट्रम ट्रायल
- दूरसंचार विभाग ने रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और एमटीएनएल को 5G तकनीक का उपयोग कर परीक्षण करने की अनुमति दी है।इन सर्विस प्रोवाइडर्स ने नोकिया, एरिक्सन, सैमसंग जैसे उपकरण निर्माताओं के साथ समझौता किया है।
- रिलायंस जियो अपनी तकनीक का इस्तेमाल करते हुए ट्रायल करेगा।
- परीक्षणों में मॉडल ट्यूनिंग, स्वदेशी तकनीक का परीक्षण, चुने हुए उपकरण और विक्रेताओं का मूल्यांकन, टेली-एजुकेशन, टेली-मेडिसिन, ड्रोन आधारित कृषि निगरानी जैसे एप्लीकेशन का परीक्षण शामिल है।
परमिट
- ऑपरेटर्स को परीक्षण करने के लिए 2500 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज और 800 मेगाहर्ट्ज के अपने मौजूदा स्पेक्ट्रम का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी।यह ट्रायल छह महीने के लिए होंगे। इसमें से उपकरण की खरीद और स्थापना में दो महीने लगेंगे।
- दूरसंचार ऑपरेटरों के लिए ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में परीक्षण करना अनिवार्य है।
- परीक्षण गैर-वाणिज्यिक आधार पर किए जायेंगे।
पृष्ठभूमि
5G तकनीक से डेटा डाउनलोड रेट के मामले में बेहतर उपयोगकर्ता अनुभव देने की उम्मीद है। डेटा डाउनलोड की दरें 4G की तुलना में पांच गुना तेज हैं।
5G और चीनी चिंता
5G तकनीक में प्रवेश करने वाले चीनी विक्रेताओं के बारे में समस्या यह है कि उनमें बैकडोर शामिल हो सकता है जिससे चीनी सरकार निगरानी कर सकती है।
अमेरिका, वियतनाम और ऑस्ट्रेलिया ने चीनी कंपनियों को 5G नेटवर्क सेवाएं प्रदान करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अमेरिका के फाइव आईज इंटरनेशनल इंटेलीजेंस एलायंस (Five Eyes International Intelligence Alliance) ने घोषणा की है कि विशेष रूप से 5G नेटवर्क में हुवावे दूरसंचार उपकरण के उपयोग में बहुत अधिक सुरक्षा जोखिम है।
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