देश भर में गुरु रविदास की जयंती (Guru Ravidas Jayanti) मनाई गई
गुरु रविदास जयंती 24 फरवरी, 2024 को गुरु रविदास के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाई गई।
मुख्य बिंदु
- यह त्यौहार उत्तर भारत में विशेष रूप से पंजाब में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
- यह दिन भारतीय कवि-संत रविदास के जन्मदिन का प्रतीक है और माघ पूर्णिमा को मनाया जाता है।
गुरु रविदास कौन थे?
- गुरु रविदास या भगत रविदास एक प्रसिद्ध संत थे, जिन्हें भक्ति आंदोलन में उनके योगदान के लिए याद किया जाता है। वे संत कबीर के समकालीन थे।
- गुरु रविदास का जन्म उत्तर प्रदेश के सीर गोवर्धनपुर गाँव में हुआ था।
- वे मानवाधिकारों के पैरोकार और प्रगतिशील विचारक थे जिन्होंने अध्यात्म पर आधारित अपनी कविताओं और शिक्षाओं के माध्यम से समानता का संदेश फैलाया।
- उनके लिखित छंद सिख ग्रंथ “गुरु ग्रंथ साहिब” में शामिल हैं।
- उन्हें रविदासिया धर्म का संस्थापक माना जाता है।
यह दिवस कैसे मनाया जाता है?
गुरु रविदास जयंती मनाने के लिए अमृतबानी गुरु रविदास जी का पाठ किया जाता है। एक विशेष आरती की जाती है और साथ ही सड़कों पर नगर कीर्तन निकाला जाता है। इसके अलावा भक्त नदी में डुबकी लगाने के लिए एकत्रित होते हैं। गुरु रविदास को समर्पित मंदिरों में पूजा-अर्चना की जाती है। वाराणसी के सीर गोवर्धनपुर में श्री गुरु रविदास जन्मस्थान मंदिर में उन्हें और उनकी शिक्षाओं को याद करने के लिए उत्सव मनाया जाता है।
यह दिवस कब मनाया जाता है?
गुरु रविदास जयंती हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ महीने की पूर्णिमा को मनाई जाती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, यह त्योहार फरवरी महीने में पड़ता है।
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