नई वाहन स्क्रैपिंग नीति- मुख्य विशेषताएं
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 18 मार्च, 2021 को लोकसभा में वाहन स्क्रैपिंग नीति (Vehicle Scrapping Policy) पेश की, जो 1 अप्रैल, 2021 से लागू होगी। इसकी घोषणा सबसे पहले वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण ने 1 फरवरी, 2021 को बजट भाषण 2021-2022 के दौरान की थी।
मुख्य बिंदु
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने इस पर प्रकाश डाला कि 51 लाख हल्के मोटर वाहन जो 20 वर्ष से अधिक पुराने हैं। उन्होंने आगे कहा कि, 34 लाख हल्के मोटर वाहन 15 वर्ष से अधिक पुराने हैं जबकि लगभग 51 लाख हल्के मोटर वाहन 20 वर्ष से अधिक पुराने हैं। उनके अनुसार, 17 लाख मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहन 15 वर्ष से अधिक पुराने हैं।
वाहन स्क्रैपिंग नीति (Vehicle Scrapping Policy)
केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह स्क्रैपिंग नीति वाहनों के उत्सर्जन को कम करके ऑटोमोबाइल क्षेत्र में परिवर्तन लाएगी। इस नीति को अयोग्य, पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को उपयोग से बाहर करने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के उद्देश्य से पेश किया गया था। इस नीति के तहत, निजी वाहनों को 20 साल बाद स्वचालित केंद्रों पर फिटनेस परीक्षण से गुजरना होगा। दूसरी ओर, वाणिज्यिक वाहनों को 15 साल बाद फिटनेस परीक्षण से गुजरना होगा। यदि वाहन तीन बार फिटनेस टेस्ट पास करने में विफल रहे, तो मालिक इसे सड़क पर नहीं चला पाएंगे।
नीति का महत्व
यह नीति पर्यावरण के अनुकूल, ईंधन कुशल वाहनों को प्रोत्साहित करने में मदद करेगी। इस प्रकार, यह वाहनों के प्रदूषण और तेल आयात बिल को कम करेगा। यह सड़क सुरक्षा में भी सुधार करेगा। इसके तहत पुनर्नवीनीकरण सामग्री जैसे स्टील, प्लास्टिक और तांबे का पुन: उपयोग किया जा सकता है। इस प्रकार, समग्र वाहन लागत कम हो जाएगी। एक बार जब पुराने वाहनों को हटा दिया जाता है, तो नए वाहनों की बिक्री को बढ़ावा मिलेगा जो देश के ऑटोमोबाइल उद्योग को बढ़ावा देगा। यह वाहनों की ईंधन दक्षता को भी बढ़ाएगा और निवेश को आकर्षित करेगा।
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