नई ‘स्टार्ट’ संधि क्या है?
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडेन ने हाल ही में स्टार्ट (Strategic Arms Reduction Treaty) संधि को पांच साल तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। रूस ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया है।
नई संधि की मुख्य विशेषताएं
प्राग (चेक गणराज्य की राजधानी) में 2010 में अमेरिका और रूस के बीच नई स्टार्ट संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। यह संधि 2011 में लागू हुई थी। न्यू स्टार्ट संधि का औपचारिक नाम “रणनीतिक आक्रामक हथियारों में कमी और सीमित के लिए उपाय” (Measures for the further reduction and Limitation of Strategic Offensive Arms) है। अमेरिका और रूस द्वारा परमाणु हथियार उत्पादन और उपयोग को कम करने के लिए इस संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे।
इस संधि के तहत, देश अपने रणनीतिक परमाणु मिसाइल लांचर को आधे से कम कर देंगे। संधि ने SORT की जगह लेकर एक निरीक्षण और सत्यापन व्यवस्था की स्थापना की है। इसने रणनीतिक तैनाती वाले परमाणु हथियारों की संख्या को घटाकर 1,550 कर दिया है। इसने पनडुब्बी से लॉन्च की जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों, अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल लांचर, परमाणु आयुध से लैस भारी बमवर्षकों की संख्या को घटाकर 800 कर दिया। इसने परमाणु हथियारों से लैस भारी बमवर्षकों की संख्या को घटाकर 700 कर दिया है।
इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज ट्रीटी (Intermediate Range Nuclear Forces Treaty)
शीत युद्ध की अवधि के दौरान अमेरिका और रूस के बीच INF संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस पर1987 में हस्ताक्षर किये गये थे। इस संधि के तहत, दोनों देशों ने शॉर्ट रेंज और इंटरमीडिएट रेंज मिसाइलों के अपने स्टॉक को खत्म करने पर सहमति व्यक्त की। 2019 में अमेरिका इस संधि से पीछे हट गया था।
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