नरसिंह मेहता (Narsinh Mehta) कौन थे?

जूनागढ़ में भक्त कवि नरसिंह मेहता विश्वविद्यालय (BKNMU) के शोधकर्ताओं ने हाल ही में मकड़ी की एक नई प्रजाति की खोज की है। नरसिंह मेहता को सम्मानित करने और उनका नाम वैश्विक मानचित्र पर रखने के लिए इसे “नरसिंहमेहताई” नाम दिया गया है।

मुख्य बिंदु

  • नरसिंह मेहता 15वीं सदी के कवि और भगवान कृष्ण के भक्त थे। 
  • ब्राह्मण समुदाय के सदस्यों ने नामकरण पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वह पहले से ही एक वैश्विक नाम था और उनके नाम को मकड़ी के साथ जोड़ने की कोई आवश्यकता नहीं थी।

नरसिंह मेहता कौन थे?

नरसिंह मेहता का जन्म 1410 में, वर्तमान भावनगर जिले के तलजा में हुआ था। 1480 के दशक में जूनागढ़ में उनकी मृत्यु हुई। उनके परिवार की उत्पत्ति उत्तरी गुजरात के वडनगर में हुई थी। मूल जाति का नाम पांड्या माना जाता है, लेकिन क्योंकि परिवार के सदस्य राज्यों में अधिकारी थे, उन्हें मेहता कहा जाता था। 

नरसिंह मेहता की कविता

नरसिंह मेहता ने 750 से अधिक कविताएँ लिखी थीं, जिन्हें गुजरात में पद कहा जाता है। यह कविताएँ मुख्य रूप से भगवान कृष्ण की भक्ति, ज्ञान और सांसारिक मामलों से वैराग्य से संबंधित हैं। 

Categories:

Tags: , , , , , ,

Advertisement

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *