नाटो (NATO) ने चीन को वैश्विक सुरक्षा चुनौती घोषित किया
नाटो (NATO) नेताओं ने चीन को एक निरंतर सुरक्षा चुनौती घोषित करते हुए कहा है कि चीनी वैश्विक व्यवस्था को कमजोर करने के लिए काम कर रहे हैं।
मुख्य बिंदु
- नाटो नेताओं के अनुसार, चीन के लक्ष्यों और मुखर व्यवहार ने नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था और गठबंधन सुरक्षा के लिए प्रासंगिक क्षेत्रों में चुनौतियों को पेश किया है।
- यह चेतावनी तब आई है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीन के मानवाधिकार रिकॉर्ड, व्यापार प्रथाओं और चीनी सेना के मुखर व्यवहार के बारे में एकजुट आवाज में बोलने के लिए सहयोगियों को एक साथ लाने का प्रयास करना शुरू कर दिया।
- नाटो नेताओं ने चीन से अपनी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को कायम रखने और अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के साथ जिम्मेदारी से काम करने को कहा है।
चीन की प्रतिक्रिया
यूनाइटेड किंगडम में चीनी दूतावास ने कहा कि G-7 विज्ञप्ति ने “जानबूझकर चीन की निंदा की और चीन के आंतरिक मामलों में मनमाने ढंग से हस्तक्षेप किया”। इसने अमेरिका जैसे देशों के इरादों को भी उजागर किया।
उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो)
नाटो यूरोपीय और उत्तरी अमेरिकी देशों का गठबंधन है। इसका गठन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद रूसी आक्रमण के खिलाफ किया गया था। इस अंतर सरकारी सैन्य गठबंधन में 30 यूरोपीय और उत्तरी अमेरिकी देश शामिल हैं। यह उत्तरी अटलांटिक संधि (North Atlantic Treaty) के अनुसार काम करता है जिस पर अप्रैल, 1949 में हस्ताक्षर किए गए थे। नाटो सामूहिक रक्षा के सिद्धांत पर काम करता है, जहां इसके स्वतंत्र सदस्य देश किसी भी बाहरी पार्टी के हमले के खिलाफ आपसी रक्षा के लिए सहमत होते हैं।
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