नेपाल के प्रधानमंत्री ओली को सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी से निष्काषित किया गया
नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। संसद भंग करने के अपने फैसले के बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया है।
मुख्य बिंदु
- पार्टी के विशाल समूह का नेतृत्व पूर्व प्रधानमंत्रियों पुष्प कमल दहल और माधव कुमार ने किया था।
- दोनों सदस्यों ने पहले पीएम ओली से अपने असंवैधानिक फैसलों के लिए स्पष्टीकरण मांगा था। उन्होंने स्पष्टीकरण मांगने के लिए पत्र भी भेजा था। लेकिन पीएम ओली इसका जवाब देने में नाकाम रहे।
पृष्ठभूमि
- प्रधानमंत्री ओली ने 20 दिसंबर, 2020 को संसद के विघटन के लिए सिफारिश की थी। उन्होंने सत्ता के लिए पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड के साथ संघर्ष के बाद यह निर्णय लिया था।
- इसके बाद नेपाल की राष्ट्रपति बिध्या देवी भंडारी ने प्रधानमंत्री की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था। और इस प्रकार, संसद भंग कर दी गई।
- संसद के चुनाव अब 30 अप्रैल और 10 मई 2021 को आयोजित किये जायेंगे।
नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी
यह नेपाल में सत्तारूढ़ राजनीतिक दल है। इस पार्टी को दक्षिण एशिया में सबसे बड़ी कम्युनिस्ट पार्टी माना जाता है। इस पार्टी की स्थापना 17 मई, 2018 को हुई थी। इसका गठन दो वामपंथी दलों अर्थात् नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल (माओवादी सेंटर) के एकीकरण के बाद हुआ था। यह पार्टी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव और नेशनल असेंबली में सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल वर्तमान में पीएम ओली के निष्कासित होने के बाद अकेले पार्टी के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे हैं। पीएम ओली को हटाए जाने के बाद एनसीपी दो हिस्सों में बंट गई है।
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