नोक संस्कृति (Nok Culture) क्या है?

ब्रिस्टल विश्वविद्यालय (University of Bristol) और गोएथ विश्वविद्यालय (Goethe University) के वैज्ञानिकों ने नाइजीरिया में पाए गए मिट्टी के बर्तनों में मधुमक्खी के मोम (bee wax) के निशान पाए हैं। ये मिट्टी के बर्तन नोक संस्कृति (Nok Culture) के हैं।

अनुमान

  • इन बर्तनों से यह निष्कर्ष निकाला गया है कि मधुमक्खी और मधुमक्खी उत्पाद 40,000 वर्षों से पहले उपलब्ध थे।
  • मधुमक्खी पालन की प्रथा 2600 ईसा पूर्व की है।

नोक संस्कृति (Nok Culture)

  • 1500 ईसा पूर्व में मध्य नाइजीरिया में यह संस्कृति विकसित हुई।
  • 500 ईस्वी में संस्कृति गायब हो गई।
  • नोक संस्कृति के लोग लौह युग से सम्बंधित थे।

मूर्तियाँ

  • नोक संस्कृति अपनी टेराकोटा मूर्तियों के लिए जानी जाती है।
  • नोक संस्कृति के लोग अपनी मूर्तियां बनाने के लिए मिट्टी का इस्तेमाल करते थे।सभी मूर्तियों में प्रयुक्त मिट्टी समान थी। इससे पता चला कि मिट्टी एक ही स्रोत से आई थी और एक केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित की गई थी।

उपकरण

  • नोक कल्चर में गलाने (smelting) और धातुओं को आकार देने (forging) वाले औजारों का इस्तेमाल किया जाता था।
  • वे पत्थर के औजारों का भी प्रयोग करते थे।
  • उनके खेती के उपकरण लोहे के बने होते थे।
  • पुरातत्वविदों द्वारा लगभग 13 लोहे की गलाने वाली भट्टियां मिली हैं।वे एक प्रोटॉन मैग्नेटोमीटर का उपयोग करते हुए पाई गयी थीं।

प्रोटॉन मैग्नेटोमीटर  (Proton Magnetometer)

यह पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में भिन्नता को मापता है। यह जमीन और समुद्र पर लौह वस्तुओं का पता लगाने में सहायता करता है। इसका उपयोग दुर्घटनाग्रस्त जहाज का पता लगाने के लिए भी किया जाता है।

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