पद्मकुमार एम. नायर (Padmakumar M. Nair) को प्रस्तावित बैड बैंक के सीईओ नामित किया गया
भारतीय स्टेट बैंक के पद्मकुमार माधवन नायर (Padmakumar Madhavan Nair) को बैड बैंक के सीईओ के रूप में नियुक्त किया गया है। दरअसल, बैड बैंक National Asset Reconstruction Company (NARC) की एक प्रस्तावित इकाई है।
पद्मकुमार नायर
वर्तमान श्री नायर एसबीआई के स्ट्रेस्ड एसेट्स (Stressed Assets) के मुख्य महाप्रबंधक के रूप में सेवारत हैं। वह अप्रैल, 2020 से इस पद को संभाल रहे हैं। इससे पहले, उन्होंने SARG में महाप्रबंधक के रूप में काम किया था।
बैड बैंक (Bad Bank) क्या है?
- यह एक वित्तीय संगठन है जो उधारदाताओं की खराब संपत्ति (bad assets) को लेता है और उनका हल करता है।यह संस्थाएं अपनी गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (non-performing assets) को बाजार मूल्य पर बैड बैंकों को बेच देंगी।
- इसका सुझाव इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (Indian Banks Association) ने दिया था।
- भारतीय उद्योग परिसंघ (Confederation of Indian Industry) ने वित्त मंत्रालय को “Multiple Bad Banks” स्थापित करने के लिए कहा था।
- बैड बैंक वित्तीय संगठनों को नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स के बोझ से मुक्त करते हैं।इससे उन्हें नए ऋणों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी।
- फरवरी 2021 में, इंडियन बैंक्स एसोसिएशन ने उन खराब ऋणों की पहचान की थी जिन्हें केंद्र सरकार के प्रस्तावित बैड बैंक में स्थानांतरित किया जा सकता है।
नई गतिविधियाँ
हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने देश में एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियों के बारे में अध्ययन करने के लिए सुदर्शन सेन समिति नामक एक समिति का गठन किया था।
पृष्ठभूमि
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में चेतावनी दी थी कि गैर-निष्पादित आस्तियां (Non-Performing Assets – NPA) बढ़ रही हैं। यह 22 साल में सबसे ज्यादा होंगी।
बैड बैंक्स के फायदे
आमतौर पर, बड़े देनदारों के पास कई लेनदार होते हैं। इस मामले में, बैड बैंक समन्वय समस्याओं को हल करने में मदद कर सकते हैं।
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