परमाणु हथियार निषेध संधि (Treaty on the Prohibition of Nuclear Weapons) क्या है?
परमाणु हथियारों के निषेध पर संधि (Treaty on the Prohibition of Nuclear Weapons-TPNW) हाल ही में लागू हुई। यह 2 दशकों से अधिक समय में पहली परमाणु निरस्त्रीकरण संधि है।
मुख्य बिंदु
अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट आंदोलन (International Red Cross and Red Crescent Movement) और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस संधि का स्वागत किया है। इस संधि पर 86 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं और उनमें से 51 ने इसकी पुष्टि भी की है। यह संधि सभी पीड़ितों को पुनर्वास, चिकित्सा देखभाल और मनोवैज्ञानिक सहायता की व्यवस्था है।
यह संधि परमाणु उपयोग या परीक्षण से दूषित होने वाले क्षेत्रों की सफाई को भी अनिवार्य बनाती है। गौरतलब है कि परमाणु निरस्त्रीकरण संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अब तक, अमेरिका और रूस ने परमाणु हथियारों के निषेध पर संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। भारत ने भी इस पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
परमाणु हथियारों के निषेध पर संधि (Treaty on the Prohibition of Nuclear Weapons-TPNW)
परमाणु हथियारों के निषेध पर संधि (Treaty on the Prohibition of Nuclear Weapons-TPNW) को शुरू में जुलाई 2017 में अपनाया गया था और जनवरी 2021 में लागू हुआ। इस संधि का मुख्य उद्देश्य परमाणु हथियारों के उपयोग पर रोक लगाना है।
Categories: अंतर्राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स
Tags:António Guterres , International Red Cross and Red Crescent Movement , TPNW , Treaty on the Prohibition of Nuclear Weapons , UN , United Nations , एंटोनियो गुटेरेस , परमाणु हथियार निषेध संधि , संयुक्त राष्ट्र महासचिव