पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय ने रामायण पर ऑनलाइन प्रदर्शनी का उद्घाटन किया
केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने हाल ही में रामायण की पहली ऑनलाइन प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
प्रदर्शनी के बारे में
- इस प्रदर्शनी में 49 लघु चित्रों को दिखाया जाएगा।इन चित्रों को नई दिल्ली में राष्ट्रीय संग्रहालय से एकत्र किया गया है।
- यह पेंटिंग 17वींशताब्दी और 19वीं शताब्दी के बीच की हैं।
रामायण (Ramayana)
रामायण भारतीय इतिहास के प्रमुख महाकाव्यों में से एक है। इसे महर्षि वाल्मीकि (Maharishi Valmiki) ने लिखा था। रामायण को मूल रूप से संस्कृत में लिखा गया था। इस महाकाव्य के कई संस्करण हैं जैसे जैन संस्करण, बौद्ध संस्करण, सिख संस्करण, कंबोडिया संस्करण, लाओस संस्करण, थाईलैंड संस्करण, फिलीपींस, म्यांमार, आदि।
रामलीला पर यूनेस्को (UNESCO on Ramlila)
2008 में, यूनेस्को ने रामलीला को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (Intangible Cultural Heritage of Humanity) के रूप में घोषित किया था। रामलीला उत्सव वाराणसी, अयोध्या, मधुबनी, सतना, अल्मोड़ा और उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार के प्रमुख शहरों में विशेष रूप से लोकप्रिय हैं।
रामलीला अब म्यांमार, थाईलैंड और कंबोडिया का भी हिस्सा है। यह मुख्य रूप से उन हिंदू समुदायों के कारण हो पाया है जो 19वीं और 20वीं शताब्दी में इन देशों में चले गए थे।
भारत में यूनेस्को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (UNESCO Intangible Cultural Heritages in India)
- ऐसी 13 भारतीय सांस्कृतिक विरासत हैं जिन्हें यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में रखा गया है।
- इस सूची में अभिव्यक्ति और परंपराएं, कलाकृतियां, उपकरण, सांस्कृतिक स्थान शामिल हैं जो सांस्कृतिक विरासत से जुड़े हैं।
- भारत के अन्य यूनेस्को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत इस प्रकार हैं:
- बौद्ध जप (लद्दाख क्षेत्र में बौद्ध लामाओं द्वारा)
- छऊ नृत्य
- कालबेलिया (राजस्थान का एक गीत और नृत्य)
- कुंभ मेला
- केरल का कूदीयाट्टम
- मुडियेट (केरल का एक नृत्य)
- नौरोज़ (फारसी नया साल)
- राममन (उत्तराखंड का त्योहार)
- संस्कृतनिष्ठा
- पारंपरिक तांबे और पीतल के बर्तन बनाना
- योग
- वैदिक जप
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