पहली बार सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ की कार्यवाही का सीधा प्रसारण शुरू हुआ
पहली बार, भारत की शीर्ष अदालत ने YouTube में तीन अलग-अलग संवैधानिक पीठ की कार्यवाही को एक साथ लाइवस्ट्रीम किया।
मुख्य बिंदु
- तीन संविधान पीठों के समक्ष कार्यवाही को 8 लाख से अधिक लोगों ने देखा।
- सुचारू कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए अदालत की तकनीकी सहायता टीमों द्वारा लाइवस्ट्रीमिंग की बारीकी से निगरानी की गई।
- इन पीठों द्वारा सुने गए मामलों में समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10% आरक्षण की चुनौती, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे के गुट और उद्धव ठाकरे खेमे के बीच “असली” शिवसेना पार्टी सम्बन्धी विवाद और अखिल भारतीय बार परीक्षा संबधी विवाद शामिल है।
- यह पहल 20 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की बैठक का परिणाम थी।
- भविष्य में, शीर्ष अदालत सुनवाई के लाइवस्ट्रीमिंग के लिए एक समर्पित मंच का उपयोग करेगी।
पृष्ठभूमि
सितंबर 2018 के स्वप्निल त्रिपाठी के फैसले ने सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की लाइवस्ट्रीमिंग की मांग वाली याचिका को बरकरार रखा। इस फैसले में, शीर्ष अदालत ने माना कि लाइवस्ट्रीमिंग आम जनता को लाइव कार्यवाही देखने का अवसर प्रदान करती है, जो अन्यथा लॉजिस्टिक चुनौतियों और ढांचागत प्रतिबंधों के कारण मुश्किल है। अदालत ने माना कि अदालती कार्यवाही का सीधा प्रसारण भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत न्याय प्राप्त करने के अधिकार का हिस्सा है।
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